रांची: चुनाव आयोग प्रवासी मतदाताओं को रिमोट वोटिग की सुविधा देने का नियम बनाने जा रही है. इसके लिए चुनाव आयोग ने आज सभी राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों और महासचिवों की एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में रिमोट वोटिंग मशीन पर चर्चा की जाएगी.चुनाव आयोग के अनुसार, प्रोटोटाइप मल्टी-कंस्टीट्यूएंसी रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) प्रवासी मतदाताओं को दूरस्थ मतदान केंद्रों से मतदान करने में सक्षम बनाएगी. चुनाव आयोग ने बताया कि घरेलू प्रवासियों के मतदान करने में असमर्थता की कमी मतदान प्रतिशत के प्रमुख कारणों में से एक है. उन्होंने कहा कि प्रवासी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए अपने गृह जिले की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी. चुनाव आयोग के द्वारा बुलाई गयी इस राजनीतिक दलों की बैठक में रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के प्रोटोटाइप के डेमो के साथ-साथ उस पर चर्चा भी की जाएगी. आयोग ने इसके लिए 8 राष्ट्रीय दलों और 57 राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त पार्टियों को बुलाया है. इस दौरान चुनाव आयोग की तकनीकी टीम से जुड़े लोग भी मौजूद रहेंगे. आपको बता दें कि चुनाव आयोग, प्रवासी मतदाताओं को मतदान की सुविधा देने के लिए रिमोट EVM पर काम कर रहा है.
जानिए क्या है रिमोट EVM?
जिस दिन वोटर के शहर में विधानसभा या लोकसभा चुनाव के लिए वोट पड़ रहे हों, उस दिन जरूरी नहीं कि वो शहर में मौजूद हो. ऐसे में लाखों लोग, मतदान जैसे अहम अधिकार से वंचित रह जाते हैं. आयोग ने ऐसे ही लोगों के लिए रिमोट वोटिंग मशीन का प्रोटोटाइप तैयार किया है. इसके जरिए, वो किसी भी जगह से अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए वोट डाल सकेंगे. यानी, न तो शहर तक सफर की कवायद रहेगी और न ही मत के अधिकार से वंचित रहने का सवाल. आयोग का मकसद इस सबके जरिए वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाना है.
कांग्रेस समेत 16 दलों ने किया विरोध
इस बीच कांग्रेस और 15 अन्य राजनीतिक दलों ने रिमोट EVM का विरोध करने का फैसला किया है. ये दल, अपनी आशंकाएं और चिंताएं चुनाव आयोग के सामने रखेंगे. आयोग ने 31 जनवरी तक सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर लिखित विचार मांगे हैं.
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