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रांची: बजट सत्र के 14वें दिन सदन में सुदेश महतो के द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने सभा को ये बताया कि बेरोजगारी भत्ते की बात जो सरकार ने कि थी उसपर अमल करने की योजना पर कार्य हो रहा है. इस योजना का नाम बदल कर मुख्यमंत्री सारथी योजना कर दिया है. इस बारे में अपना वक्तव्य रखते हुए श्रम मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार को ना किसानों की चिंता थी ना मजदूरों की. वहीं मजदूरों के हित में वर्तमान सरकार कई काम कर रही है.
मालूम हो कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का निबंधन कराया जा रहा है. अब सरकार के द्वारा उनको चिकित्सा प्रतिपूर्ति भी मिल रही है. वहीं किसी भी गरीब की मौत होने पर 10 हजार रुपये कफन के लिए भी सरकार की ओर से दिया जाता है. बेटी की शादी के समय 30 हजार रुपये दिया जाता है. वहीं मजदूर की उम्र 60 साल से अधिक हो जाने पर प्रतिमाह एक हजार रुपये दिया जाता है. इसके अलावे अब सरकार 80 प्रखंडों में मुख्यमंत्री सारथी योजना लाने जा रही है. इस योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा.
इस प्रशिक्षण के बाद भी यदि एक माह तक रोजगार नहीं मिलता है तो युवाओं को एक हजार तथा युवतियों को 1500 रुपये भत्ता प्रतिमाह दिया जायेगा. बताते चलें कि बजट सत्र के तेरहवें दिन आजसू विधायक सुदेश महतो ने स्नातक पास बेरोजगारों के लिए 5000 और स्नातकोत्तर बेरोजगारों को 7000 रुपये बेरोजगारी भत्ता की घोषणा के बाद भी भत्ता नहीं मिलने का मामला सदन में उठाया था. इसके जवाब में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि वैश्विक आपदा के कारण इस योजना में देरी हुई.आगे भोक्ता ने कहा कि जब घोषणा हुई थी तब कोविड का दौर आ गया था इसी वजह से बेरोजगारों भत्ता नही दिया जा सका था. वहीं अब दुनिया कोविड के दंश से निकल चुकी है. सरकार अब राज्य के बेरोजगारों को भत्ता उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है. वहीं सदन में कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए मनीष जायसवाल ने बताया कि एसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल देश में कुल 378 दंगे हुए हैं. मालूम हो कि उसमें 100 से अधिक दंगे केवल झारखंड में हुए हैं. वही बीते साल दंगों के लिए बदनाम यूपी जैसे राज्य में एक भी दंगा नहीं हुआ.
आगे मनीष ने कहा कि असल में झारखंड में सरकार तुष्टीकरण कर रही है. से सरकार बहुसंख्यकों की भावना से खेल रही है. धर्म के आधार पर पर दूसरों को छूट दी जा रही है. झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष का आवंटन होता है. आगे सदन में ढुलू महतो ने कहा कि रघुवर दास की सरकार में ट्रांसफॉरमर खराब होने पर एक घंटे में दूसरा मिल जाता था. वहीं अब कई दिनों में नहीं मिलता है. विद्युत व्यवस्था भी राज्य में बेहाल है. राज्य में बिजली की स्थिति बहुत खराब है. यहां तक कि तार गिर जाने पर कई दिनों तक नहीं बनता है.
राज्य में 120 सब स्टेशन बन कर तैयार है, परंतु शुरू नहीं हो रहा है. इस राज्य में गरीबों की आवाज उठानेवालों को दबाया जा रहा है. वहीं रामगढ़ की नवनिर्वाचित विधायक सुनीता चौधरी ने सदन में पहली बार बजट चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सरकार ने पीजी पास बेरोजगारों को सात और स्नातक वालों को पांच हजार रुपये देने की घोषणा की थी जो अब तक नहीं मिली. झारखंड के बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा है. 75 फीसदी निजी लोगों को आरक्षण देने के आदेश का पालन निजी कंपनियां नहीं कर रही है.
दिलीप पाण्डेय की रिर्पोट
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