नशा तमाम अपराधों की जननी है: डालसा
रिपोर्टर अनुपम कुमार भगत
गोड्डा:जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सह पीडीजे देवेन्द्र कुमार पाठक के मार्गदर्शन में एवं प्राधिकरण के सचिव डा. प्रदीप कुमार के निर्देश पर गुरुवार को पथरगामा प्रखंड के पीपरा गांव में चलंत लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान डालसा की ओर से गठित टीम के सदस्यों ने ग्रामीणों को जागरुकता का पाठ पढ़ाया। डालसा टीम में पैनल अधिवक्ता कुंदन कुमार ठाकुर, पीएलवी बासुदेव मणीनंदन कुमार, जोबाती मुर्मू, अजय टुडू आदि ने नालसा स्कीम नशा निषेध सहित अन्य कानूनी बातों की जानकारी दी। बताया कि हमारे देश में नशा करने वाले की संख्या बढ़ती जा रही है तथा नशा करना अपनी शान समझते हैं। नशा का सेवन करने से इसका दुष्परिणाम अपराधिक घटनाएं. खतरनाक बीमारियां. परिवार में तनाव, वाद विवाद.. घरेलू हिंसा.. आर्थिक तंगी होती है। बच्चों का सही से भरण-पोषण तथा शिक्षित नहीं कर पाना मुश्किल हो जाता है। परिवार में बिखराव का डर, खतरनाक बीमारियाें के इलाज करने की समस्या बन जाती है। इस प्रकार जिंदगी नरक बन जाती है। नशे करने करने वाला व्यक्ति चाह कर भी नशा छोड़ पाना मुश्किल हो जाता है और धीरे-धीरे इनकी मजबूरी हो जाती है। नशा सिर्फ शराब नहीं बल्कि ड्रग्स, गांजा, दारू, डेंड्राइड, नशीली मेडिसिन, तंबाकू, खैनी, गुटखा आदि अन्य चीजें हैं। इसका सेवन करने से गंभीर परिणाम होते हैं। नशे की लत अब कम उम्र के बच्चे में भी खैनी. गुटखा. सिगरेट. तंबाकू. मेडिसिन दवाई. जैसी नशा सेवन करने का डर बना रहता है । नशे की लत में बाल अपराध, पढ़ाई लिखाई एवं स्कूल का छूट जाना, माता-पिता से झूठ बोलना, माता पिता बड़ों का आदर न करना, हमेशा तनाव में रहता है। बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए स्कूल के आस-पास स्कूल से एक 100 मीटर की दूरी पर नशीला पदार्थ बेचने वालों पर कानूनी अपराध है । माता- पिता अपने बच्चों के प्रति सजग रहें तथा हरकत पर नजर रखें। नशा करने वाले पीड़ित व्यक्ति को नशा मुक्ति केंद्र के द्वारा इलाज भी किया जाता है तथा विधिक सेवाएं उपलब्ध कराई जाति है। इस अवसर पर दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।
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