Posted by Dilip Pandey
धनबाद : मल्टी नेशनल कंपनियां ही नहीं नगर निगम के लिए भी मच्छर कमाई का जरिया बन चुके हैं. नगर निगम के अधिकारियों ने 7 अप्रैल 2023 को पांच कोल्ड फॉगिंग मशीन खरीदी थीं. 15 वें वित्त आयोग की राशि से इस पर 1 करोड़ 55 लाख रुपए खर्च किए गए थे. दावा यह भी किया गया था कि 2500 रुपए की बचत होगी और मच्छर भी भाग जाएंगे. इससे प्रदूषण भी नहीं फैलेगा. 60 लीटर पानी में आधा लीटर केमिकल डाल कर पानी का छिड़काव सभी वार्डों में होगा. लेकिन दो माह बीतने के बावजूद वह दिन अभी तक नहीं आया. फॉगिंग सभी वार्ड में नहीं हो रही है. चंद इलाकों में फॉगिंग कर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है, वह भी हफ्ते में एक या दो दिन. कई बार सीएनजी की कमी और केमिकल खत्म हो जाने पर 15 दिन बाद एक बार फॉगिंग हो रही है.
मच्छर भगाने के लिए 8 साल पूर्व 6-6 लाख रुपए की दो बड़ी फॉगिंग मशीन खरीदी गई थी. लेकिन इसका इस्तेमाल वीआइपी लोगों तक सीमित था. उसके बाद मोपेट पर सेट 15 फॉगिंग मशीन की खरीद हुई. लेकिन इसके संचालक ही मोपेट से गिरने लगे. इसके बाद 110 हैंड फॉगिंग मशीन की खरीदारी हुई. इन सभी पर लगभग 2 करोड़ रुपए खर्च किए गए. वाहन के लिए 4 लीटर पेट्रोल और फॉगिंग मशीन के लिए 25 लीटर डीजल लगता था. डीजल में ही आधा लीटर केमिकल मिलाया जाता था. चालक का वेतन मिलाकर एक बार फॉगिंग कराने पर 5 हजार रुपए का खर्च आता था. यह खर्च निगम पर भारी पड़ने लगा. साथ ही कई मशीनें भी जवाब देने लगीं और फॉगिंग बंद हो गया.
पूर्व पार्षद निर्मल मुखर्जी ने बताया कि निगम में कोई काम टिकाऊ नहीं होता है. खरीद से पहले मशीन की जांच नहीं होती है. इसलिए मशीन दो-तीन माह में जवाब दे देती है. सबको अपने कमीशन से मतलब होता है. पार्षद थे तो विरोध करते थे, लेकिन उस वक्त भी हमारी नहीं सुनी जाती थी. मनमाने ढंग से करोड़ो की फॉगिंग मशीन और अन्य सफाई के उपकरण खरीदे गए, पर सब बेकार हो गए. अब तो निगम में कोई बोलने वाला ही नहीं है. नई मशीन तो दिखाई ही नहीं देती है. इसे भी जल्द कबाड़ा बना कर छोड़ दिया जाएगा.
निगम के परिवहन विभाग का काम देख रहे नगर प्रबंधक प्रेम प्रकाश ने बताया कि नई फॉगिंग मशीन एक भी बंद नहीं है. निगम में अभी सिर्फ 5 मशीनें हैं, इसलिए रोटेशन पर फॉगिंग की जा रही है. मशीन में इस्तेमाल होने वाला केमिकल काफी प्रभावशाली है. एक बार छिड़काव करने के बाद हवा में 3 से 4 दिन तक असर रहता है. यह मच्छर को पनपने नहीं देता है, इसलिए हर दिन इसका छिड़काव नहीं किया जा सकता. इसके बाद भी कोई गलत जानकारी दे रहा है तो हमलोग क्या करें. पहले क्या क्या हुआ. मशीनें कहा गईं, इसकी जानकारी मेरे पास नहीं है.
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