Posted by Dilip Pandey
अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हृदय नारायण मिश्र के सम्मान में रुद्राक्ष और बिल्ववृक्ष का पौधारोपण
निरसा: रविवार को धनबाद के कलियासोल प्रखण्डांतर्गत नयाडीह ग्राम निवासी एवं अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद झारखण्ड के प्रदेश सलाहकार मृणाल कांत चौबे के पिता स्व. निरंजन चौबे के पूण्यतिथि एवं स्व.बनमाली चौबे के द्वादशा श्राद्धकर्म के पुण्य अवसर श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह संस्थापक हृदय नारायण मिश्र जिन्होंने एक ऐतिहासिक आंदोलन हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु देश में पांच लाख से अधिक सदस्यों का एक माला पिरोकर अजर-अमर मुहिम चलाये हैं।जिनके निस्वार्थ भाव से देश के भीतर सभी राज्यों में हिंदी राष्ट्रभाषा बनाने की भावना जागृत हुई। सुरेश चंद्र तिवारी ने कहा संस्थापक श्री मिश्रा एक हिंदी के अनन्य पूजारी के रुप में आनेवाले दिनों में देश में पूजे जायेगें।अतः आज के दिन हृदय नारायण मिश्र के सम्मान में रुद्राक्ष तथा बिल्वबृक्ष का पौधा रोपण किया गया ।यह पौधा स्वास्थ्य प्रर्यावरण संरक्षण संस्थान के द्वारा प्रदत्त किया गया था। अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह संस्थापक हृदय नारायण मिश्र एक मानव पूरोधा के रुप में उनका नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित किया जायगा। इसलिए उनके उत्कृष्ट कृतित्व के नाम पर रुद्राक्ष एवं बिल्वबृक्ष का पौध रोपण किया गया।मौके पर अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद झारखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चन्द्र तिवारी,प्रदेश सलाहकार मृणाल कांत चौबे, डा.भवेश चन्द्र चौबे,सरोज कुमार चौबे, वरिष्ठ महासचिव बलराम उपाध्याय, काशी नाथ चौबे,दूलाल उपाध्याय वरिष्ठ समाजसेवी पश्चिम बंगाल, जितेन्द्र कुमार चौबे,समीर कुमार तिवारी,परेश चौबे,नव कुमार तिवारी, मुरली धर तिवारी,उद्धव नारायण तिवारी, नित्यानंद चौबे वी एन तिवारी,विनय कुमार तिवारी आदी उपस्थित हुए।
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