वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में विलंब होने से सरकार पर पड़ेगा वित्तीय बोझ – माननीय सभापति
झारखंड विधानसभा की सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति ने माननीय सभापति सह जमशेदपुर पूर्व के विधायक श्री सरयू राय की अध्यक्षता में उप विकास आयुक्त श्री शशि प्रकाश सिंह सहित जिले के सभी विभागों के पदाधिकारियों के साथ सर्किट हाउस में बैठक की।
बैठक के समापन के बाद माननीय सभापति ने कहा कि धनबाद में जुडको द्वारा बन रहे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया है। कार्य में विलंब होने से राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ पड़ेगा। उन्होंने बताया कि जुडको ने 2024 तक कार्य को पूरा करने का आश्वासन दिया है।
इसके अलावा जुडको द्वारा दो फेज में पेयजल परियोजना चल रही है। पांच सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने हैं। पेयजल परियोजना वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण लक्ष्य से पीछे है। इस योजना के डीपीआर पर चर्चा की गई। साथ ही बताया कि जुडको को धनबाद में पांच सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने हैं। परंतु अभी तक उसका काम शुरू नहीं हुआ है।
माननीय सभापति ने कहा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाना जितना महत्वपूर्ण है उतना ही महत्वपूर्ण उसे चलाना है। इसके बन जाने से प्रदूषित पानी दामोदर नदी में नहीं पहुंचेगा और नदी सुरक्षित रहेगी। इसका बनना धनबाद जिले एवं दामोदर नदी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। योजना को लेकर इसके कंसल्टेंट के साथ पूरी रिपोर्ट पर चर्चा की गई।
माननीय सभापति ने झारखंड विद्युत संचरण निगम लिमिटेड एवं झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की समीक्षा की।
उन्होंने बताया कि धनबाद में विद्युत विभाग द्वारा डीवीसी से बिजली लेकर घरेलू उपभोक्ताओं को दी जाती है। जबकि औद्योगिक इकाइयों को डीवीसी द्वारा डायरेक्ट बिजली दी जाती है। डीवीसी की दोहरी नीति से घरेलू उपभोक्ताओं को नुकसान होता है। इस दिशा में वे सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे और डीवीसी से स्पष्टीकरण भी मांगेंगे। माननीय सभापति ने कहा कि जब डीवीसी उद्योगों को बिजली मुहैया करा सकती है तो घरेलू उपभोक्ताओं को भी बिजली उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है। डीवीसी का यह रवैया अनुचित है और किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है।
वहीं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए माननीय सभापति ने सिविल सर्जन से सदर अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी के उन्नयन के लिए कितने उपकरणों की मांग की है, की रिपोर्ट देने, धनबाद को उपलब्ध कराई गई नई 108 एंबुलेंस की संख्या, कितने एंबुलेंस में लाइव सपोर्ट डिवाइस और कौन-कौन से डिवाइस उपलब्ध है का रजिस्टर से मिलान कर पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
साथ ही दवा की आपूर्ति के संबंध में भी माननीय सभापति ने सिविल सर्जन से पृच्छा की। उन्होंने दवा की आपूर्ति कब हुई, उसकी एक्सपायरी डेट तथा अस्पताल को दवा कब दी गई का रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
माननीय सभापति ने झारखंड कम्युनिकेशन नेटवर्क लिमिटेड, अटल बिहारी इन्नोवेशन लैब, झारक्राफ्ट, पर्यटन विकास की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी इन्नोवेशन लैब स्टार्टअप योजना के लाभुकों के लिए हितकारी है। वहीं पर्यटन विकास की समीक्षा के दौरान पाया कि 2016 में कैग द्वारा ऑडिट रिपोर्ट में आपत्ति दर्ज की गई थी। जो आज तक ठीक नहीं की गई है। इस संबंध में उन्होंने पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है।
माननीय सभापति ने कृषि पशुपालन एवं सहकारिता, परिवहन, कल्याण, भवन निर्माण, उद्योग, पथ निर्माण, वन विकास सहित अन्य विभागों की समीक्षा की।
बैठक में माननीय सभापति सह जमशेदपुर पूर्व के विधायक श्री सरयू राय, उप विकास आयुक्त श्री शशि प्रकाश सिंह, डीएफओ श्री विकास पालीवाल, नगर आयुक्त श्री सत्येंद्र कुमार, एडीएम सप्लाई श्री योगेंद्र प्रसाद, जिला योजना पदाधिकारी श्री महेश भगत, जिला खनन पदाधिकारी श्री मिहिर सालकर, जिला खेल पदाधिकारी श्री दिलीप कुमार, जिला उद्योग केंद्र सहित अन्य विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे।
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