झारखंड के परिदृश्य में यह कितना हास्यास्पद लगता है कि यहां मॉल, सिनेमा हॉल , बसे और शराब की दुकानें खोली गई है लेकिन हिंदुओं के आस्था के केंद्र के रूप में स्थापित मंदिरों को खोलने की इजाजत नहीं दी जा रही है। हम सभी कोविड सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक हैं और इसका पालन सभी को करना चाहिए । झारखण्ड के मंदिरों से हजारों , लाखो लोगों का रोजगार भी जुड़ा है। मंदिरों में शादी मुंडन , पूजा , अनुष्ठान होने से व दर्शनार्थियों के आने जाने से फुटपाथ दुकानदारों , होटल संचालक , छोटे वाहन चालक , फल विक्रेता , फूल विक्रेता , पुजारियों ,नाई का जीविकोपार्जन संभव हो पाता है। मंदिरो के बंद होने से हजारों घरो में दो वक्त की रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है । व उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। आस्था, विश्वास, धर्म व रोजगार के संगम स्थली मंदिरो को जल्द राज्य सरकार खोलने की अनुमति दें ।
ताकि हिन्दू अपने धर्म स्थल में जाकर कोरोना की वजह से हुवे लोगो की आकस्मिक निधन की शान्ति का प्रार्थना कर सके । मानसिक ,व शारीरिक सुख के लिए प्रार्थना कर सके ।
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