Azad Duniya News
रांची: राज्यसभा में गुरुवार यानी 9 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दिया. 90 मिनट के पीएम के जबावी भाषण के दौरान विपक्षियों ने लगातार नारेबाजी की. इसपर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने कहा- देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है. वहां नारे बोलने के लिए भी लोग बदलने पड़ रहे हैं, मैं अकेला घंटेभर से बोल रहा हूं, रुका नहीं. उनके अंदर हौसला नहीं है, अब वो बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं. सरकारी योजनाओं का नाम बदलने को लेकर पीएम ने कहा- किसी कार्यक्रम में अगर नेहरूजी के नाम का उल्लेख नहीं हुआ, तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते थे. लहू गर्म हो जाता था. मुझे ये समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है. क्या शर्मिंदगी है नेहरू सरनेम रखने में. पीएम ने कहा- इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको और आपके परिवार को मंजूर नहीं है और आप हमारा हिसाब मांगते हो.
देश किसी एक परिवार की जागीर नहीं- पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा- कुछ लोगों को समझना होगा कि सदियों पुराना देश आम आदमी के पसीने, पीढ़ियों से चली आ रही परंपराओं का देश है. किसी परिवार की जागीर नहीं है. हमने खेल रत्न ध्यानचंद के नाम पर कर दिया. अंडमान के द्वीपों का नाम सुभाष चंद्र बोस, परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर कर दिया. हिमालय की चोटी एवरेस्ट कर दी गई. हमने द्वीपों का नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम कर दिया.
जितना कीचड़ उछालोगे, उतना कमल खिलेगा
पीएम ने कहा- सदन में जो बात होती है, उसे देश गंभीरता से सुनता है, लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों की वाणी न सिर्फ सदन को, बल्कि देश को निराश करने वाली है. ऐसे सदस्यों को यही कहूंगा कि कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल. जो भी जिसके पास था, उसने उछाला. आगे पीएम ने कहा कि जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा.
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