आजाद दुनिया न्यूज
Posted Date:- Mar 11, 2023
आप सभी को मेरा नमस्कार,
देश के सबसे बड़े राज्य में ये मेरा पहला औपचारिक आगमन है और ये मेरे लिए सदा यादगार रहेगा। मैं माननीय मुख्यमंत्री का विशेषकर आभारी हूं। उन्होंने ये जो दो कार्यकर्म रखे हैं, ये उनकी सोच को दर्शाता है।
उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आदरणीय श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी,
उत्तर प्रदेश के सरल एवं सख्त मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी,
मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण, आधिकारीगण,
और उपस्थित महानुभाव,
पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में आकर जब शहीद कोतवाल धनसिंह गुर्जर जी की प्रतिमा का अनावरण किया तो मेरे मन में कई विचार आ रहे थे। पहले तो मैं, उनके माँ और पिता को नमन करना चाहता हूं। उनकी प्रतिमा का अनावरण करना मेरा परम सौभाग्य है।
ये बदलते भारत की तस्वीर है। आपके उत्तर प्रदेश में भी बड़ा बदलाव आया है। और ऐसा बदलाव आया, कि पिछले 6 वर्ष में आपने देखा है, जो सोचा नहीं था वो मुमकिन हो रहा है। इसीलिए इस अमृत काल में मुझे ये परम सौभाग्य मिला है कि मैंने ऐसे महापुरुष की प्रतिमा का अनावरण किया है जिसने 1857 के स्वाधीनता संग्राम में इतनी बड़ी भूमिका निभाई। जरा सोचिये दिमाग पर जोर लगाइये कोतवाल जी का कार्यक्षेत्र बहुत लंबा था। उनको ये करने की आवश्यकता नहीं थी। आराम से रह सकते। इतना बड़ा जज्बा था। कितनी बड़ी राष्ट्रभक्ति उनमें थी। और क्या काम किया? 800 से ज्यादा लोग जो बंदी थे उनको छुड़ाया पूरे देश के अंदर एक नई चिंगारी उत्पन्न हुई।
मैं इस घटना के बारे में पहली बार मैं तब जागरूक हुआ, जब मै पश्चिम बंगाल का राज्यपाल था। और बैरकपुर में उस जगह गया जहां मंगल पांडे ने शुरुआत की थी, और तब ये जानकारी मिली।
तब मेरे मन में एक बहुत निराशा भी थी कि हमारे शहीदों को क्यों भूल गए? सन 47 की आजादी के बाद ऐसा क्या हुआ? जिन लोगों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के उस महायज्ञ में इतनी बड़ी आहुति दी उनको हम नमन क्यों नहीं कर पाए? उनको याद क्यों नहीं कर पाए? हमारी इतिहास में ये बातें सही तरीके से दिखाई नहीं गई।
अमृत काल में एक उद्देश्य है। हमारे उन महापुरुषों को, स्वतंत्रता सेनानियों को जिनमें धन सिंह जी प्रमुख है हमें केवल याद नहीं करना है, उनका अनुकरण करना है।
आज पूरा विश्व भारत का लोहा मान रहा है। पूरे विश्व की नजर भारत पर है। आज पूरा विश्व देख रहा है कि भारत क्या बोलेगा? दुनिया के लोग कहते है कि दुनिया में कहीं भी बड़ा, संकट हो युद्ध हो, भारत की भूमिका की ओर देखते हैं। उसका एक ही वजह है कि हमने अब उन लोगों को याद करना चालू कर दिया है जिनको हम भूल गए थे। मेरा मन बड़ा प्रफुल्लित हो गया। जब अधिकारीगण मुझे बता रहे थे कि इस प्रशिक्षण केंद्र की रूपरेखा क्या बन रही है आप कल्पना नहीं कर सकते।
करोड़ों रूपये खर्च करके जो योजना बनी है, उस पर थोड़ी मैंने नज़र दौड़यी है, और अगली बार जब यहां पर आऊंगा, तब ये टेंट की जगह एक बहुत बड़ा ऑडिटोरियम बन रहा है। कहने का मतलब, जो सोचा नहीं था, वो मुमकिन हो रहा है। आंखों के सामने है।
देश और दुनिया में एक चिंता होती थी। देश का सबसे बड़ा प्रांत कहां जा रहा है? खबर में रहता था। पीड़ा होती थी। ऐसा बदलाव आया। अब जो कुछ सुनने को मिल रहा है, कानों में जो आता है, मन प्रफुल्लित होता है। सही मायने में विकास की गंगा इसी प्रदेश में बह रही है। ज्यादा जोर देकर इसलिए कह रहा हूं क्योंकि पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में हूं। एक समय अराजकता की पराकाष्ठा थी, अब देखो क्या हो रहा है? लॉ एंड ऑर्डर के मामले में उत्तर प्रदेश, उत्तम प्रदेश है। बिना ऐसी व्यवस्था के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। मुझे जानकारी है उत्तर प्रदेश में विकास की जो नींव पड़ रही है, उसका असर देश और विदेश में पड़ेगा।
मित्रों! सितंबर 2022 में एक बहुत बड़ा माइलस्टोन अचीवमेंट हुआ है। जिन्होंने हम पर सैकड़ो साल राज किया उन को पछाड़कर भारत दुनिया की 5वीं बड़ी आर्थिक महाशक्ति बना। उत्तर प्रदेश के सहयोग की वजह से इस दशक के अंत तक भारत दुनिया की तीसरी बड़ी महाशक्ति होगी, अर्थव्यवस्था के मामले में।
आज के दिन हर भारतीय का सीना और मनोबल पराकाष्ठा पर है ऐसे मामलों में। वो कहते है ना कि खीर को खराब नहीं करने देंगे। इतनी बड़ी व्यवस्था, जिस पर पूरे देश को नाज है, हर भारतीय को नाज है। दुनिया कौतूहल से हमारी तरफ देख रही है। We can not allow anyone to taint, tarnish and damage our reputation. इसमें आप सब का बड़ा भारी कर्तव्य है और मान कर चलता हूं कि आप निश्चित रूप से ऐसा करेंगे।
मैं आपको बताता हूं। माननीय प्रधानमंत्री जी ने नेताजी बोस के बारे में शुरुआत की थी पश्चिम बंगाल में। जब अंडबार निकोबार में जाकर उस जगह झंडा फहराया जहां नेताजी ने फहराया था। जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को India Gate पर रखा है, उस समय उन्होंने एक बात कही थी कि हमें हमारे शहीदों को ढूंढना पड़ेगा। क्योकि इतिहास में बहुत बड़ा अन्याय किया है, पहला तो ये कि 1857 को क्या कहते है? ग़दर ? अरे वह हमारा पहला स्वतंत्रता संग्राम था, हमारे अधिकारों की लड़ाई।
जब मैंने यहाँ जानकारी प्राप्त की है तो आप देखिये कुंजा बहादुरपुर, रुड़की और देहरादून क्षेत्र में राजा विजय सिंह तथा सेनापति कल्याण सिंह के नेतृत्व में युद्ध लड़ा गया। इतनी बड़ी बात है! इस क्रांति का उल्लेख हमने कभी नहीं किया? इस क्रांति का उल्लेख एक अंग्रेज इतिहासकार की पुस्तक में मिलता है।
माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करूंगा कि वो देश में पहल करें और अपने उत्तर प्रदेश में स्वाधीनता संग्राम में लोगों का जो योगदान हुआ है, उसे ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें।
मेरठ के निकट पड़ोस में जाट सरदार सरदार सामंत सिंह तोमर ने आजादी का ऐलान किया था जिसका जिक्र मिलता ही नहीं है। ऐसे अनेक उदाहरण हैं। आप यह देखिये, 18 वर्ष जाट समुदाय की किशोरी देवी तोमर ने 17 अंग्रेजों को मौत के घाट उतार दिया। जहां जहां नजर फैलाएंगे, सब जगह मिलेंगे। वंचित वर्ग से आने वाली मुजफ्फरनगर क्षेत्र की महावीरी देवी और उनके साथ आई 22 वीरांगनाओं ने मेरठ क्रांति के 2 दिन पहले ही अंग्रेजों पर हमला बोल दिया, अनेक सैनिकों को मार गिराया, और अंत में 22 की 22 वीरगति को प्राप्त हो गईं।
मध्यकालीन भारत में देखें तो मेरठ और हरिद्वार के बीच जो इलाका है, वहां वीरांगना रामप्यारी गुर्जर जिन्होंने 40 हजार वीर वीरांगनाओं की सेना एकत्रित की। यह बात इसलिए बता रहा हूं कि मैं एक क्षेत्र पर केंद्रित कर रहा हूं। हमारे देश में राष्ट्रवाद की कमी कहीं नहीं है। इस मामले में हमारा डीएनए दुनिया में सबसे मजबूत है। कौन सा देश 5000 से ज्यादा वर्षों की सांस्कृतिक धरोहर समेटे है… भारत है।
इस मौके पर कहना चाहूंगा कि हमारा नजरिया हमारी पुलिस के प्रति और उनके परिजनों के प्रति बदलना चाहिए। इनका योगदान समाज में स्थायित्व के लिए है। कानून व्यवस्था को ठीक करने के लिए है। तब हालात दूसरे थे, जब उनको सही तरीके से काम करने का मौका नहीं मिला। आज के दिन जब व्यवस्था सही है, जिसको अंग्रेजी में ट्रांसपेरेंट और अकाउंटेबल कह सकते हैं, तो डर किस के मन में है? जो लोग पुलिस को डराते थे, अधिकारियों को डराते थे, और कुछ भी करते थे, कोई टोकने वाला नहीं था। आज के दिन कानून अपना काम कर रहा है और आपके मुख्यमंत्री को एक नया नाम दिया गया है।
मै अंत में ये ही कहूंगा कि मेरे लिए तो यादगार पल है। आज अपना भारत बहुत ऊपर जा रहा है पर कुछ लोगों ने ठान लिया है कि हमें भारत की प्रतिष्ठा को धूमिल करना है। और उनमें एक देखिये जो मैं अपनी आंखे के सामने देखता हूँ- मै राज्यसभा का सभापति हूं- लोकसभा बहुत बड़ी पंचायत है, जिसमें आज तक माइक ऑफ नहीं हुआ और है और कोई बाहर जा कर कहता है की देश में माइक ऑफ होता है।
कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? देश के अंदर संकट आया था इमरजेंसी के दौरान माइक भी बंद हुए थे और उन लोगों को जेल में रख दिया गया था जो राष्ट्र भावना से प्रेरित थे। वो दिन अब कभी वापस नहीं आ सकते। ऐसे मौके पर मैं आप सब से विनती करूँगा, आप अपने विचारों को खुल कर रखिये, उन शक्तियों के बारे में चुप्पी मत साधिये। निर्भीक होकर अपनी बात कहिये। ये आपका दायित्व है, आप ही कर सकते हैं। यदि आपको संसद में व्यवस्था चाहिए कि आपका सांसद ठीक आचरण करे, संसद के अंदर सही बहस हो, उस मंदिर के अंदर किसी भी प्रकार की डिस्टर्बेंस न हो, तो आप ऐसे मामलों के अंदर दखलअंदाजी करने वालों को प्रोत्साहन नहीं देंगे, उनसे सवाल करेंगे, तो निश्चित रूप से सब रास्ते पर आ जायेंगे।
मैं यहाँ से positivity लेकर जा रहा हूँ। I am leaving this place fully charge, energised, motivated and inspired. और मुझे अंत में मुझे ये कहने में कोई संकोच नहीं है कि उत्तर प्रदेश का योगदान देश के विकास में जबरदस्त हो रहा है और आगे होगा। और भारत का भविष्य 2047 में सोचें, तो मेरे मन में कोई शंका नहीं है कि उस वक्त भारत विश्व गुरु होगा और महाशक्ति होगा… क्योंकि हमारी संस्कृति हमें एक ही ज्ञान देती है “वसुधैव कुटुंबकम”।
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