नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 का काउंटडाउन शुरू हो गया है. भारत निर्वाचन आयोग आज 2023 कर्नाटक विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर रहा है. 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को समाप्त हो रहा है. भाजपा ने विधानसभा की कुल 224 सीटों में से कम से कम 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, जहां मई तक चुनाव होने हैं. इस बीच, कांग्रेस और जद (एस) ने क्रमशः 124 और 93 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची की घोषणा की है.
कर्नाटक का राजनीतिक समीकरण
कर्नाटक के चुनाव को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. ऐसे में पूरे देश की निगाहें कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 पर टिकी हुई हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. इन चुनावों में भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. कांग्रेस को सबसे अधिक मत प्रतिशत मिला, लेकिन वो 78 सीट जीत पाने में ही सफल रही. वहीं, जनता दल (सेक्युलर) को 37 सीटें प्राप्त हुईं थीं.
चुनावी मोड में राजनीतिक पार्टियां
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान अभी हुआ भी नहीं है और राजनीतिक पार्टियां अभी से चुनावी मोड में आ गई हैं. कर्नाटक में शिवमोगा जिले के शिकारीपुरा में बंजारों के हिंसक प्रदर्शन को लेकर मंगलवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच राजनीतिक घमासान शुरू हो गया. हिंसक प्रदर्शन को लेकर दोनों दलों ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया. शिकारीपुरा में सोमवार को उस समय चार पुलिस कर्मी घायल हो गए, जब बंजारा समुदाय के हजारों लोग अनुसूचित जाति (एससी) के आंतरिक आरक्षण पर राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. बाद में यह प्रदर्शन हिंसक हो गया.
दरअसल, मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को एससी (लेफ्ट) के लिए 6 फीसदी, एससी (राइट) के लिए 5.5 फीसदी, स्पृश्यों (बंजारा, भोवी, कोरचा, कुरुमा आदि) के लिए 4.5 फीसदी और अन्य के लिए एक फीसदी आंतरिक कोटा की सिफारिश की थी. सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी जाएगी. अनुसूचित जातियों का एक वर्ग आंतरिक आरक्षण की मांग कर रहा है. उनका आरोप है कि केवल कुछ प्रभावशाली उप-जातियां अधिकांश लाभ हासिल कर रही हैं, जबकि कई समुदाय अभी भी हाशिए पर हैं. कर्नाटक की 224 सीटों में से, सत्तारूढ़ भाजपा ने कम से कम 150 जीतने का लक्ष्य रखा है.
राज्यों की सरकारों व अफसरों को अडानी ने दिये 2000 करोड़ रिश्वत, गिरफ्तारी हो : राहुल गांधी
राज्यों की सरकारों व अफसरों को अडानी ने दिये 2000 करोड़ रिश्वत, गिरफ्तारी हो : राहुल गांधी