भाषा की भावना का ख्याल रखना हो तो मूल वासियों की भाषा का ख्याल रखें : जयराम महतो
तोपचांची : प्रखंड स्थित मानटांड फुटबॉल मैदान में आज बुधवार को तोपचांची प्रखंड भाषा संस्कृति बचाओ संधर्ष समिति का गठन किया गया। इस समिति के अध्यक्ष विकास कुमार महतो उपाध्यक्ष जयराम महतो, सरिता देवी, परशुराम महतो, तुलसी महतो , प्रेमचंद महतो , प्रमोद महतो , सुरेश महतो सचिव गणेश प्रसाद महतो उपसचिव विंदेश्वरी प्रसाद महतो, दुर्योधन महतो, सुरेश महतो, श्रीनिवास चतुर्वेदी, कोषाध्यक्ष पप्पू महतो, बासुदेव महतो तथा अन्य को कार्यकारिणी समिति सदस्य मनोनीत किया गया। झारखंड सरकार के द्वारा धनबाद बोकारो के क्षेत्रीय भाषाओं में भोजपुरी, मगही भाषा को शामिल करने को लेकर विरोध बढ़ती जा रही है । झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में भोजपुरी और मगही को क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल किए जाने के विरोध में धनबाद तथा बोकारो में विभिन्न बैनरो के तले लोग प्रदर्शन कर रहे हैं । धनबाद जिले के तोपचांची प्रखंड में भी भाषा संस्कृति बचाओ समिति का गठन कर इन भाषाओं का विरोध किया गया । जयराम महतो ने कहा कि भाषा मूल वासियों की होती है प्रवासियों की नहीं यदि कुछ लोग इस क्षेत्र में इन भाषाओं का प्रयोग करते भी है तो लोग ध्यान रहे वे प्रवासी लोग हैं। अगर भाषा की भावना का ख्याल रखना हो तो मूल वासियों की भाषा का ख्याल रखना चाहिए क्योंकि किसी भी राज्य का निर्माण वहां के मूल वासियों के लिए होता है। प्रमुख सरिता देवी ने कहा कि झारखंड सरकार तीनो भाषाओं को वापस ले नहीं तो आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे । मुखिया संध के प्रदेश अध्यक्ष विकास कुमार महतो ने कहा कि क्षेत्र में कोई भी लोग इन भाषाओं का प्रयोग नहीं करते हैं सरकार इन भाषाओं को जल्द वापस ले । सरकार बहुत ही आशा और विश्वास के साथ आई है लेकिन सरकार झारखंडी लोगों के भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार इन भाषाओं को जल्द वापस ले नहीं तो सड़क से लेकर सदन तक आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे । मौके पर विकास महतो, जगदीश चौधरी, सरिता देवी, परशुराम महतो, पप्पू महतो, जयराम महतो, बासुदेव महतो , तुलसी महतो, श्री निवास चतुर्वेदी, दुर्योधन महतो, प्रमोद महतो, प्रेमचंद महतो , संतोष महतो, गणेश महतो सहित दर्जनों लोगों उपस्थित थे ।
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