जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोर्ट
जिले का एक मात्र सोनो प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक उपचार केंद्र सोनो में नसबंदी शिविर की जिम्मेदारी सूर्या क्लीनिक की परिवार नियोजन अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग नसबंदी शिविर में आपरेशन
कराने के दौरान तमाम सुख सुविधा मुहैया करने की बात कहती है पर मंगलवार को नसबंदी का आपरेशन कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनो पहुंची महिलाओं को यहां व्याप्त कुव्यवस्था से जुझना पड़ा। दरअसल मंगलवार को नसबंदी शिविर में 17 महिलाओं का आपरेशन किया गया, पर आपरेशन के बाद इन महिलाओं को इस
ठिठुरन भरी सर्द रात में बिना चादर वाले बेड पर एक पतले से कम्बल के सहारे सीएचसी के आंगन में लिटा दिया गया। इतना नहीं आंगन का शेड टिन का था, लिहाजा महिलाऐं एवं उनके परिजन रात में ठंड से ठिठुरते दिखे। ठंड से ठिठुरती सोनो की डोली देवी, बैजाडीह की कारी मांझी, केवाली की सोनी देवी सहित इन महिलाओं के परिजनों ने बताया कि यही एक पतला चादर से भी पतला कंबल मिला है। बेड पर चादर भी नहीं है। ऐसे में ठंड काटना मुश्किल हो रहा है। वही इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने अपना पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने इसका ठीकरा आउटसोर्सिंग संस्था सूर्या क्लिनिक पर डाल दिया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनो के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा शशिभूषण चौधरी ने बताया कि बंध्याकरण शिविर में आपरेशन, दवाइयों से लेकर सारी
सुविधाओं की जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग सूर्या क्लिनिक पर है। चादर, कंबल, बेड आदि की व्यवस्था करना उसी का काम है। अस्पताल प्रशासन को इससे कोई मतलब नहीं है।शिविर की कुव्यवस्था को देखकर ऐसा लग रहा था कि शिविर आयोजित करने की जिम्मेदारी निभाने वाली संस्था सूर्या क्लीनिक को मानवता और संवेदनशीलता से कोई सरोकार नहीं है और वह केवल नसबंदी के टारगेट को पूरा करने की कोशिश में लगा है।
वरीय अधिकारियों को मामले की दी जाएगी जानकारी शिविर में कुव्यवस्था संज्ञान में आया है। इससे वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
डॉ शशिभूषण चौधरी
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सोनो
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