गया दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के हिंदी विभाग के तत्वावधान में सृजनात्मक “भित्ति पत्रिका” का लोकार्पण कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह द्वारा चाणक्य भवन में हुआ है । ऐसा पहली बार हुआ कि विश्वविद्यालय के किसी विभाग ने स्वयं की “भित्ति पत्रिका” की प्रकाशित किया गया है ।इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर “भित्ति पत्रिका” का अनावरण किया गया है। उन्होंने हिंदी विभाग को सबसे पहले अपने संकल्पों को पूरा करने पर अनेक बधाइयां दी, वही साहित्य को समाज के सबसे निचले तबके से जोड़ने की बात कहकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य भी बताया है।
विशिष्ट अतिथि तथा जन कवि गया साहित्य सम्मेलन के सभापति सुरेन्द्र सिंह “सुरेंद्र” ने मौके पर अपनी कविता का पाठ कर श्रोताओं में जोश का संचार किया और स्थानीय रचनाकारों को सम्मानित करने के लिए विश्वविद्यालय की तारीफ भी की, प्रसिद्ध कवि खालिक हुसैन “परदेसी” ने अपनी ग़ज़ल और भगवान राम के ऊपर लिखे कविता का पाठ किया गया है । हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेश चन्द्र सभी अतिथियों का स्वागत किया गया है ।”भित्ति पत्रिका” के संपादक डॉ. अनुज लुगुन ने “भित्ति” शब्द का इतिहास बताते हुए” भित्ति पत्रिका” के प्रति विचार और विद्यार्थियों की सृजनतात्मकता कि ओर ध्यान दिलाते हुए इस प्रकार के आयोजनों की सार्थकता बताई और स्वागत अभिभाषण हिन्दी विभाग के शोध छात्र एवं पत्रिका संपादक मंडल के सदस्य रुद्र चरण माझी ने कार्यक्रम की उद्देशिका पर प्रकाश डालते हुए सभी काव्य सृजकों और रचनाकारों के प्रति आभार प्रकट कियागया है। उसके बाद कुलसचिव राजीव सिंह ने विभाग की सराहना करते हुए कहा की “जब कोई हमारे विद्यार्थियों की तारीफ़ करता है, तो गर्व से सीना फूल जाता है”।अपने अध्यक्षीय भाषण में भाषा एवं साहित्य पीठ के अधिष्ठाता प्रो. सुरेश चन्द्र ने कुलपति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए अपने शिक्षक साथियों डॉ कर्मानंद आर्य, डॉ शांति भूषण, डॉ अनुज लुगुन, डॉ.रामचंद्र रजक (उप संपादक) आदि की तारीफ करते हुए छमाही या मासिक” शोध पत्रिका” निकलने की बात कहते हुए यह भी कहे की “शोध पत्रिका में प्रकाशित शोधात्मक रचना शोधार्थी की अकादमिक स्कोर में वृद्धि लाएगी”। साथ ही एक सच्चे साहित्यकार के कर्तव्यों की ओर ध्यान दिलाया गया है।इस मौके पर गया क्षेत्र के प्रसिद्ध इतिहासकार हिमांशु शेखर, विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. उमेश कु. सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. आतिश पराशर, विधि संकाय के अध्यक्ष डॉ पी. के. मिश्रा, अंग्रेजी विभाग के शिक्षकों में डॉ अर्पणा झा, डॉ रचना, डॉ सरोज, डॉ सुरेश, डॉ इक्का, शिक्षा शास्त्र की प्रो. रेखा अग्रवाल, राजनीति विज्ञान के सहायक प्राध्यापक डॉ प्रणव कुमार आदि मौजूद थे। संपादक मंडल के सदस्य पुष्पा कुमारी,उषा आदि कार्यक्रम को परिचालन में अग्रणी भूमिका निभाई है।शोधार्थियों में सतेंद्र कुमार, विनय कुमार, कुमारी प्रज्ञा, अनुरंजनी , राम रतन, गायत्री जायसवाल, उषा, पुष्पा कुमारी , सुमित कुमार हल्दर ,चाहत, अम्बालिका जायसवाल, आशीष कुमार पटेल, रवीन्द्र कुमार विधि विभाग से सूर्य प्रताप सिंह आदि मौजूद थे। भित्ति पत्रिका पर प्रज्ञा, सिद्धार्थ, अंजनी, स्मृति आदि की कविताएं, पुस्तक समीक्षा, संस्मरण आदि छपी हुई थी। इस मंच संचालन शोधार्थी नचिकेता ने किया| कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन “भित्ति पत्रिका- हिन्दी विभाग” के उप-सम्पादक डॉ. रामचन्द्र रजक ने किया है। गैर शैक्षणिक कर्मचारियों में अमर कुमार, चंदन कुमार और उदित आदि का योगदान सराहनीय रहारहा है
सोनो (जमुई):-एक कंबल की आस में सुबह से भूखे प्यासे बैठे दिव्यांगों को शाम में मिला कम्बल
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