यह किताब का विमोचन बलियापुर के बिनोद बिहारी महतो कॉलेज में किया गया इस किताब का मुख्य उद्देश्य है कि लोगों को जागरूक करना जिसके रचयिता अमरेश प्रसाद भंडारी उर्फ विरल जी ने किया सबसे पहले विमल जी ने मां सरस्वती और गुरु वंदना के साथ या किताब लिखा और विमल जी एक इंग्लिश के शिक्षक हैं उसके बावजूद भी उन्होंने हिंदी में इतनी बड़ी कविताएं लिखा मैं अश्वत्थामा बोल रहा हूं के रचित करने का उद्देश्य है कि ना तो महाभारत की कथा दौर आने का है और ना ही किसी प्रकार से किसी के भावनाओं की आहत करने की आप ही तो मेरा मुख्य उद्देश्य है कि इस युग में धर्म और अधर्म के मध्य संघात जिसमें धर्म की विजय निश्चित है इसी सत को पुनः सबके समाज रखना जरूरी है रावण दुर्योधन दुशासन और अश्वत्थामा एक ही थे फिर भी महाविनाश और आमंत्रित करने के लिए काफी थे जबकि आज इन जैसों की संख्या और सीमित है और इनसे धारा धर्म के रक्षक ईश्वरी अवतारी वन आए अथवा ना आए इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ता है अब स्वयं के भीतर ही ईश्वर या गुण विकसित करने होंगे ताकि लोग सुरक्षित रहें और साथ-साथ पूरे विश्व को भी आप सुरक्षित रख सकते हैं मैं अश्वत्थामा बोल रहा हूं के शीर्षक रचना के रचयिता अमरेश प्रसाद भंडारी जो कि पेशे से एक सहायक प्रधानाध्यापक है यद्यपि इनके कर्म क्षेत्र का विषय एवं भाषा अंग्रेजी है किंतु प्रस्तुत रचना के लिए रचनाकार ने भाषा के रूप में हिंदी एवं विषय वस्तु के लिए सनातन आस्था के प्रतीक महाकाव्य महाभारत के चयन किया जिसमें कुरुक्षेत्र के धर्म युद्ध में स्वयं श्री कृष्ण ने अपने श्री मुख से युद्ध दिमाग अर्जुन को गीता के 8 अध्याय में ज्ञान दिए थे रचनाकार के संबंध में वर्तमान उन्होंने झारखंड की मीठी की पावन धरती पर जो सारे सीधे माना यह भी जाता है कि इस पावन धरती में पांडव भी अपनी वनवास के दौरान यहां की भूमि में आश्रय ग्रहण किए थे जब उनसे हमारी बात हुई तो उन्होंने बताया कि मैं एक शिक्षक के रूप में देश के विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार विविन आर आदि में अपने बहुमूल्य एवं व्यक्त के माध्यम से समाज में योगदान देने एवं अतिरिक्त विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी अपने लेखन कला का पहचान छोटे रहे हैं और वर्तमान पुस्तक रचनाकार के द्वारा रचित कविता की पहली कृति हैं लेखन कार्य के अतिरिक्त रचनाकार सोशल मीडिया फेसबुक यूट्यूब पर भी या प्रकाशित हो रहा है कोविड-19 के कारण प्राथमिकता दौर में लोगों को इससे बच बचाव के संबंधित वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जानकारी देकर समाज को जागरूक करने का भी मैंने काम किया
माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छह वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।
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