बरकट्ठा:- रहने को घर नहीं, सोने को बिस्तर नहीं। अपना खुदा है रखवाला अब तक उसी ने है पाला… । यह गीत आपने अवश्य सुनी होगी ।पुरी तरह से यह गीत चरितार्थ हो रही है चेचकपी पंचायत अंतर्गत ग्राम रौसा निवासी मसोमात गौरवा, पति स्वर्गीय अमृत सिंह पर।प्रौढ़ावस्था प्राप्त कर चुकी यह महिला अपनी बहू व छोटे-छोटे बच्चों के साथ पूर्ण रूप से जर्जर कच्चे मकान में रहने को विवश है ।मकान देखने से प्रतीत होता है कि ऊपर वाला ही मेहरबान है जिसके कारण मकान का छत टिका हुआ है। मकान की दीवारों में शायद ही कोई कोना बचा हो जहां दरार ना आया हो,जो बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है । ज्ञात हो कि गौरवा देवी के पति का देहांत 6 वर्ष पूर्व ही हो चुका है ।इनका दो पुत्र बैजनाथ और चौधरी दोनों बाहर में रहकर दिहाडी मजदूरी करते हैं। इनका एक पुत्र मानसिक रूप से कमजोर है ।वही गौरवा मसोमात की बहू रूबी देवी ने कहा कि हम लोग इसी टूटे-फूटे घर में अपने छोटे-छोटे बच्चों और सास के साथ रहते हैं। मकान गिरने के डर से रात में हम लोगों को नींद नहीं आती है।गौरवा मसोमात भी दिहाडी मजदूरी कर अपना रोजी-रोटी चलाती है । उन्होंने बताया की पीएम आवास के लिए कई जनप्रतिनिधियों तथा मुखिया से संपर्क की लेकिन पीएम आवास नहीं मिल पाया ।ग्रामीणों ने कहा कि इन्हें जन वितरण प्रणाली दुकान से राशन मिलता है किंतु वह माह भर नहीं चलता है। इसलिए हम लोग इन्हें 1–2 केजी चावल देकर प्रत्येक माह मदद करते हैं ।आदर्श युवा निकेतन चेचकपी के सदस्यों ने इनकी समस्याओं को लेकर गंभीरता दिखाई है और इन्हें हर संभव मदद देने का प्रयास कर रही हैं ।मौके पर भारत जकात माझी परगना महाल बरकट्ठा के प्रखंड अध्यक्ष राम जी बेसरा, आदर्श निकेतन युवा समिति के अध्यक्ष अनिल सिंह, सचिव मनोज मुर्मू ,सदस्य महेश कुमार ,ग्रामीण मुकेश रविदास महेश सिंह आदि लोग उपस्थित थे।
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