रांची :फर्जी दस्तावेज के सहारे छात्रवृति हड़पने का मामला सामने आया है. एक-एक छात्र के नाम पर चार से पांच बार छात्रवृति की राशि निकाली गई है. छात्रवृति घोटाले को एक विशेष रैकेट अंजाम दे रहा है. रैकेट के सदस्य कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों का पूरा ब्योरा एकत्र करते है. रॉल नंबर, रजिस्ट्रेशन नंबर आदि निकालने के बाद ईकल्याण पोर्टल पर छात्रवृति भरते है. सहीं स्टूडेंट की तस्वीर तक आवेदन फार्म में लगा देते है. पैसा हड़पने के लिए आधार नंबर और बैंक एकाउंट दूसरा दे देते है. छात्र के नाम पर पैसा फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट के एकाउंट में आ जाता है.
*छात्रवृति हड़पने का मामला* डोरंडा कॉलेज में छह दिन पहले मिला. जब छात्रवृति वितरण से संबंधित सूची की जा की जा रही थी. जांच में पता चला कि एक ही छात्र के नाम पर एक से ज्यादाबार छात्रवृति की निकासी की गई है. अबतक एक दर्जन मामले सामने आए है. कॉजेल प्रबंधन के अनुसार प्रोफेशनल कोर्सों में मामले अधिक मिले हैं. प्रोपेफेशनल कोर्स में फीस ज्यादा होने की वजह से छात्रवृति राशि में ज्यादा अनियमितता मिली है. रांची विवि पीपी योग विभाग के एक स्टुडेंट राम कुमार महतो ने बुंडू थाने में शिकायत दर्ज कराई है. राम कुमार ने अपनी शिकायत में बताया है कि उसके नाम पर छात्रवृति राशि पाने के लिए चार-चार फार्म भरे गए है. सभी फर्म में मेरी तस्वीर और दस्तावेज है, मगर बैंक एकाउंट और आधार नंबर दूसरे का है. छात्र ने पूरे मामले की जांच कर कानूनी कार्रवाई का आग्रह किया है. ऐसे हुआ खुलासा:ई-कल्याण पोर्टल पर छात्रवृति हासिकल करने के लिए फार्म जमा होता है. इसके बाद उस फार्म को डाउनलोड कर हार्ड कॉपी वेरीफिकेशन के लिए कॉलेज या विभाग में जमा करना होता है. हार्ड कॉपी की जांच कर भुगतान के लिए सहमति भेजी जाती है. उसके बाद छात्र के एकाउंट में पैसा जाता है. हार्ड कॉपी वेरीफिकेशन में एक छात्र के नाम पर कई आवेदन मिले. सकसे ज्यादा फर्जी आवेदन प्रोफेशनल कोर्स के छात्रों के नाम पर मिले हैं
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