जमुई से सरोज कुमार दुबे की रिपोटॅ
जमुई / सोनोः शिक्षा के सार्वजनीकरण के तहत विद्यालय से बाहर के अनामांकित व छीजित बच्चों को विद्यालयी शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रयास कार्यक्रम के तहत स्थानीय बीआरसी में प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों के नामित शिक्षकों को चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण समाप्ति के उपरांत गुरुवार को सभी शिक्षकों को प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाया गया। प्रशिक्षण की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सीताराम दास ने कहा कि बच्चों के छीजन को रोकने के लिए हमें भावनात्मक रूप से संवेदनशील होकर कार्य करने की जरूरत है। सामाजिक और आर्थिक कारण के साथ ही भावनात्मक कारण भी बच्चों के छीजन के लिए जिम्मेदार है। हम शिक्षकों को गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के प्रति भावनात्मक रूप से संवेदनशील बनना होगा। शिक्षकों को छीजित बच्चों के अभिभावक का किरदार भी निभाना होगा। वहीं प्रशिक्षक राजीव कुमार, विकास कुमार व श्वेत प्रकाश ने बताया कि विद्यालय से बाहर के बच्चों में अनामांकित और छीजित दोनों प्रकार के बच्चे शामिल हैं। उन्हें विद्यालयी शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य शिक्षकों को प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस चार दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को आवश्यक कौशलों की जानकारी दी गई। शिक्षकों की गतिविधि आधारित शिक्षण के महत्व को बताया गया। गतिविधि आधारित शिक्षण से ही विद्यालय से बाहर रहे बच्चों का जुड़ाव विद्यालय से संभव हो सकेगा।प्रशिक्षण में शिक्षकों को आरटीई की भी जानकारी दी गई। मौके पर शिक्षक संतोष कुमार मिश्रा, शशि शेखर सुमन, विष्णुदेव पासवान,डेजी रानी, ममता कुमारी, अमर कुमार, मीनाक्षी, मनोज राम, नूतन कुमारी, रेखा कुमारी, प्रदीप कुमार, शशिकांत साह आदि मौजूद थे।