गया में आज जिला पदाधिकारी अभिषेक सिंह एवं वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक कुमार द्वारा डुंगेश्वरी क्षेत्र के लोगों के विकास हेतु ग्रामीणों को आजीविका के साधन को और विकसित करने एवं इसके प्राकृतिक क्षेत्रों को इको टूरिज्म तथा एडवेंचर टूरिज्म के रूप में विकसित करने का योजना है।आज जिला पदाधिकारी ने वन समिति द्वारा इको हट का उद्घाटन करते हुए वन उत्पादित वस्तुएं यथा मुरब्बा, तिलकुट, मधु, अगरबत्ती, अबीर, सेनेटरी पैड इत्यादि वन उत्पादित वस्तुओं का निरीक्षण किया गया है। जिला पदाधिकारी ने इस अवसर पर वन समिति को धन्यवाद देते हुए कहा कि जिला प्रशासन की ओर से गया के जंगलों को बचाने एवं जंगलों की सुरक्षा, वृक्षारोपण सहित अन्य गतिविधियां इस क्षेत्र में पहले से ही चल रही है।
डुंगेश्वरी क्षेत्र में जीप लाइनिंग, जंगल कैम्पेन, एडवेंचर टूरिज्म, इको टूरिज्म की संभावनाओ को देखते हुए आज एडवेंचर टूरिज्म के अंतर्गत जीप लाइनिंग का उद्घाटन जिला पदाधिकारी और वन प्रमंडल पदाधिकारी द्वारा किया गया है। आज इस अवसर पर जिला पदाधिकारी ने कहा कि भविष्य में इस क्षेत्र में टूरिज्म की काफी संभावनाएं हैं। गया में पर्यटकों को प्राकृतिक संसाधनों को नजदीक से देखने, पहाड़ों पर बायोसिस्टम के अंतर्गत पशु,पक्षी एवं प्राकृतिक पहाड़ों, विभिन्न प्रकार के वनों को देखने का अवसर मिलेगा इसके अलावा जिलाधिकारी ने कहा कि ईको एजुकेशन के क्षेत्र में यहां काफी संभावना है।आगे इस संबंध में बताया गया कि जज्बा वर्ल्ड स्कूल के 12 छात्रों को एडवेंचर टूरिज्म के जरिए जिप लाइनिंग का आनंद उठाने का अवसर मिलेगा। जिला पदाधिकारी ने कहा कि इन बच्चों का यह एक स्मरणीय टूर होगा एवं बच्चों को वातावरण, प्रकृति एवं वातावरण के प्रति लगाव का संदेश देगा।जिला पदाधिकारी ने आगे यह भी बताया कि बोधगया में टूर एंड ट्रैवल एजेंट्स से अनुरोध किया है कि वे बाहर से आने वाले पर्यटकों को इस डुंगेश्वरी क्षेत्र का भ्रमण करावे और रोप क्लाइंबिंग, जीप लाइनिंग, जंगल कैम्पेन और पहाड़ों एवं वन संसाधनों के विषय में टूर कराने का अवसर प्रदान करें।इस संबंध में बताया गया कि 2 दिन का डे नाईट जंगल कैम्पेन, रॉक क्लाइंबिंग, जीप लाइनिंग इत्यादि का आनंद पर्यटक यहां उठा सकते हैं। फिलहाल 20 कैंप की व्यवस्था की गई है इसकी संख्या बढ़ाया भी जा सकता है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के तर्ज पर टूरिस्ट को आकर्षित कर सकते हैं। वीकेंड में लोग प्राकृतिक छटा का आनंद उठा सकते हैं।
इस क्षेत्र में मनोरंजन के साथ ज्ञान भी बढ़ेगा। जिलाधिकारी ने बताया कि इस जगह पर डुंगेश्वरी में महात्मा बुद्ध ने 6 वर्षों की तपस्या किया था। यह सब पर्यटकों को इस क्षेत्र में देखने को मिलेगा और यहां बहुत पुराना गुफा है पर्यटकों को इस गुफा का भी आनंद देखने को मिलेगा। तिब्बती मोंक अंजला बाबा ने कहा कि इस पहाड़ पर तिब्बती मंदिर भी है जिसका दर्शन पर्यटक कर सकते हैं।जिला पदाधिकारी द्वारा इको शॉप का निरीक्षण किया गया है। जिसमें वन से उत्पादित वस्तुओं, सवाई घांस से बनी सामग्री उपलब्ध है।इसके साथ ही वन उत्पादित मधु, मुरब्बा, तिलकुट, मोमबत्ती, इत्यादि सामग्री को जिला पदाधिकारी ने देखा भी है।इस अवसर पर वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक कुमार ने बताया कि इस क्षेत्र के लोगों के विकास हेतु काफी कार्य किए जा रहे हैं। स्वरोजगार हेतु कई योजनाएं चलाई जा रही है। यहां पर टूरिज्म स्पॉट बनाने की तैयारी है। जहां पर्यटक माउंटेन क्लाइंबिंग का आनंद ले सकेंगे।डुंगेश्वरी वन समिति के उपाध्यक्ष कलावती कुमारी ने आगत अतिथियों का स्वागत किया गया है। इस अवसर पर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि एवं क्षेत्र के लोग शामिल थे।
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