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Dhanbad:जिसमें देश के हर राज्य से प्रतिनिधि जुड़कर सभी ने एक स्वर में कहा कि 5 सितंबर शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रपति पुरस्कार हम सभी निजी विद्यालयों के शिक्षकों ना देना, यह कहीं ना कहीं निजी शिक्षकों का अपमान और नजरअंदाज करना है । अतः आज की मीटिंग में सभी सदस्यों की ओर से एक सुर में एक आवाज में सबों ने अपना समर्थन इस बात पर दिया गया कि अगले 5 सितंबर 2022 को अगर निजी शिक्षकों का भी हमारे देश में तीस लाख से ऊपर निजी शिक्षकों के साथ अगर इस प्रकार की नजर अंदाज किया गया तो अगले 5 सितंबर 2022 शिक्षक दिवस को हम सभी भारत सरकार के राष्ट्रपति पुरस्कार को बहिष्कार करने का फैसला बना लिया है । क्योंकि ऐसा इस वर्ष पाया गया है कि विगत 5 सितंबर 2021 अर्थात अगले रविवार को हमारे एक शिक्षिका सुजाता सिंह रॉय से जो कि घाटशिला की है उनको सरकारी पदाधिकारियों ने जब सम्मान की बात बोले तो उन्होंने यह बात कह कर सुजाता सिंह रॉय को सम्मान नहीं किया गया कि आप प्राइवेट विद्यालय की शिक्षिका हैं, इसलिए आपको सम्मान नहीं कर सकता हूं,क्योंकि भारत सरकार का गाइडलाइन है कि सरकारी विद्यालय के शिक्षकों को ही मात्र पुरस्कृत किया जाना है । जिससे निजी शिक्षकों ने नाराजगी व्यक्त की हैं ।
इस बैठक को सफल बनाने में तनवीर , आकाश दत्ता ,अनीशा, वर्षा पांडे, डी के सिंह, डॉक्टर नथुनी सिंह, मुकुल महापात्र, मीरा वर्मा, पिंकी मैम, आर एन चौरसिया, आर बी निराला, रितिका सरदार , विनोद वार्ष्णेय , एसडी प्रसाद एवं अमित कुमार का काफी सराहनीय योगदान रहा।
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