हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी झारखण्ड के तत्वाधान में निरसा प्रखंड परिसर में शहीदे आजम भगत सिंह के 114 वीं जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई। लोगों ने पुष्प माला उनकी प्रतिमा में पहनाया गया। मुख्य अतिथि पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर 17 दिसम्बर 1928 को लाहौर में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे अंग्रेज़ अधिकारी जे० पी० सांडर्स को मारा था। इस कार्रवाई में क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद ने उनकी पूरी सहायता की थी। क्रान्तिकारी साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर भगत सिंह ने वर्तमान नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश भारत की तत्कालीन सेण्ट्रल एसेम्बली के सभागार संसद भवन में 8अप्रैल 1929 को अंग्रेज़ सरकार को जगाने के लिये बम और पर्चे फेंके थे। बम फेंकने के बाद वहीं पर दोनों ने अपनी गिरफ्तारी भी दी। इनकी बलिदान को कभी नही भुलाया जा सकता है। मौके पर प्रदेश अध्यक्ष हरहर आर्य, प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक मिश्रा, जिला सचिव छोटन गोराई, बापिन घोष, मासस युवा नेता एवं समाजसेवी- प्रभु सिंह, कांग्रेस नेता अर्जुन भुइँया, दशरथ चंद्रा, कृष्ण रजक, ड़ी एन यादव, संतोष राय, दिनेश सिंह, श्यामदेव चौरसिया, राजुद्दीन शेख आदि थे।

