तोपचांची : प्रखंड स्थित तोपचांची झील जिसे कोयलांचल वासी धरती का स्वर्ग कहते हैं । तोपचांची झील अपनी आकर्षण से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने का कोई कसर नही छोड़ता है । तोपचांची झील अपने खुबसूरती के लिए विख्यात है यहां दुर दुर से सैलानियों का आना जाना लगा रहता हैं। प्राकृतिक गोद में बसा तोपचांची झील नए साल के आगमन को लेकर अपने पुरे शबाब के साथ सैलानियों की स्वागत में मानो बाहें फैलाए पुकार रही है।
इतिहास : झील का इतिहास स्वर्णिम रहा है 15 नवंबर 1924 को बिहार ओडिशा के गवर्नर सर हेनरी वीलर के द्वारा कोयलांचल में जलापूर्ति करने के उद्देश्य से इस झील की नींव रखी गई थी।कैमूर के पत्थरों से निर्मित यह तोपचांची झील कतरास सहित कोयलांचल के कई इलाकों में लोगों की प्यास बुझाती है। इस झील की सबसे खास बात यह है कि यहां बिना मोटर पम्प का प्रयोग किए बिना पुरी इलाकों में पानी सप्लाई करती है।अगर आप प्रकृति की सुन्दरता को नजदीकी से महसूस करना चाहते हैं तो तोपचांची झील एक एक सुन्दर विकल्प है । चारों ओर पहाड पर्वत से घिरा यह झील इसकी सुन्दरता में चार चांद लग जाती है । साइबेरियन पक्षी झील की सुन्दरता को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है ।
नव वर्ष आने के पुर्व से ही यहां सैलानियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है प्रतिदिन दुर दराज से सैलानी यहां पहुंच रहे हैं । परंतु झील के सुंदरीकरण के नाम पर झील के चारों ओर पीसीसी ढलाई रोड बनाई जा रही है तथा झील को अभी वन वो कर दिया गया है जिससे झील के पास मिनट मिनट में जाम की समस्या उत्पन्न हो जा रही है । सड़क बनाने के क्रम में हाइवा के माध्यम से माल ढुलाई कराया जा रहा है जिसके कारण झील के कई पुलीया क्षतिग्रस्त हो गई । ढोलकट्टा पुल भी उसी दरमियान टूट गई जिसे अभी तक नहीं बनाया गया । एक संकरी रास्ता वैकल्पिक रुप में आने जाने के लिए बनाया गया है जिसमें बाइक वालो के लिए खतरा हमेशा बना रहता है। साथ ही अधुरी निर्माण सड़क के दोनों ओर मिट्टी समतल नहीं किए जाने के कारण पर्यटकों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। लीची बगान के पास घंटों जाम लगा रहता है । झील के पुलिया टूटे होने के कारण पर्यटक झील के चारों ओर वाहन से नहीं घूम सकते हैं।
वहीं जयराम महतो ने माडा कर्मी तथा स्थानीय प्रशासन से इस समस्या को कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है ताकि दुर दराज से आने वाले पर्यटकों को समस्या का सामना नहीं करना पड़े ।
कई फिल्मों की हो चुकी है शूटिंग
झील की नैसर्गिक सुंदरता से अभिभूत होकर कई फिल्मों के निर्देशक यहां पर कई फिल्मों की शूटिग भी करवा चुके हैं। वर्ष 1966 में हिदी फिल्म के स्टार कलाकार धर्मेंद्र, राज श्री तथा महमूद की फिल्म मोहब्बत एक जिदगी है के कई दृश्य का फिल्मांकन इस झील में किया गया था। बांगला फिल्म के अभिनेता उत्तम कुमार के कई फिल्मों की शूटिग यहां हो चुकी है। झारखंड के स्थानीय कलाकारों के खोरठा तथा नागपुरी गीतों की शूटिग भी इस झील में आए दिन होती रहती है।
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