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हजारीबाग:-प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय की स्थिति बदतर है। पिछले एक दशक से पशु चिकित्सक का पद रिक्त है। यह चिकित्सालय प्रभार के भरोसे चल रहा है जो अक्सर बंद रहता है। पशु चिकित्सक के नहीं रहने से पशुपालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पशु चिकित्सालय के संबंध में किसी को कोई जानकारी नहीं मिल पाती है। बताया जाता है कि कोई चौपारण में पदस्थापित पशु चिकित्सक प्रभार में हैं। लेकिन उन्हें कोई नहीं जानता है।
विदित हो कि इन दिनों मवेशियों में पैर फूलने,चारा नहीं खाने की बीमारी फैली हुई है। पशुपालकों को मवेशियों के इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। लोग को अपने बीमार मवेशियों को इलाज के लिए 25 किलोमीटर दूर बगोदर और बरही से पशु चिकित्सक को बुलाना पड़ रहा है। इससे पशु के इलाज में उन्हें दोहरी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। कोनहारा कला के जगदीश पासवान, चंद्रिका यादव ने बताया कि मवेशियों में पैर फूलने की शिकायत है। बरकट्ठा में कोई पशु चिकित्सक के नहीं होने से बगोदर से डॉक्टर को बुलाकर इलाज करना पड़ रहा है। कहा कि अभी खेती किसानी का समय है। मवेशियों के बीमार होने और चिकित्सक के अभाव में सही समय पर इलाज नहीं हो पाने से बड़ी दिक्कत हो जाती है।
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