आज झारखंड का मुख्यमंत्री माननीय हेमंत सोरेन जी का बयान पेपर के माध्यम से हम सबों के बीच में पढ़ने को मिला और उनके बयान से अलगाववाद की बू आ रही है और उनके साथ सरकार में मंत्री एवं सदन के अंदर जो भी राजनीतिक दल के जनता के प्रतिनिधि चुनकर गए हैं जनप्रतिनिधि जिसमें अधिकतर लोग यूपी और बिहार से बिलॉन्ग करते हैं और उनका पुश्तैनी घर यूपी और बिहार में है वैसे सभी जनप्रतिनिधियों का मौन रहना और माननीय हेमंत सोरेन जी के बयान का खंडन नहीं करना कहीं ना कहीं उनके स्वार्थी मानसिकता को दर्शाता है और नहीं तो जितने भी जनप्रतिनिधि झारखंड प्रदेश में यूपी और बिहार के बशिंदे हैं उनको सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए और नहीं तो हम सभी यूपी-बिहार बाहरी एकता मंच के तले ऐसे सभी जनप्रतिनिधियों के उनके उनके क्षेत्र में पुरजोर विरोध किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर उनका पुतला भी दहन किया जाएगा ऐसे जनप्रतिनिधियों का कोई जरूरत नहीं है जो अपनी जनता का मान सम्मान एवं स्वाभिमान का रक्षा न कर सके यूपी और बिहार के मतदाताओं के वोट से बने विधायक आज सत्ता में मंत्री बनकर मेज थपथपा रहे हैं उनको अपनी स्वेच्छा से सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए।
भारतीय सर्वजन पार्टी (BSP) गोरखपुर के सभी विधान सभा सीटो पर लड़ेगी चुनाव- अशोक निषाद
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