राँची।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को 1994 बैच के झारखण्ड कैडर के आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का से पूछताछ की।सूत्रों के अनुसार, ईडी ने उनसे जानना चाहा कि मनी लांड्रिंग के संदिग्ध विशाल चौधरी के पास से उनके विभाग के आधिकारिक दस्तावेज कैसे मिले। ईडी द्वारा उनसे और पूछताछ किये जाने की संभावना है, क्योंकि पूरा ब्योरा सामने नहीं आया है। दूसरे समन के बाद ईडी के समक्ष उपस्थित हुए राजीव अरुण एक्का को ईडी ने निजी तौर पर रिकॉर्ड किए गए कुछ वीडियो के साथ उनका सामना भी किया, जिसमें वह विशाल चौधरी के साथ नजर आ रहे हैं। इसमें एक वीडियो वो भी शामिल है, जिसमें वह एक आधिकारिक फाइल को देख रहे हैं और उस पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।बैकग्राउंड में विशाल चौधरी के रूप में पहचाने जाने वाले व्यक्ति को भुगतान के बारे में बात करते हुए सुना जाता है।सूत्रों के अनुसार,ईडी ने पूछताछ के दौरान राजीव अरुण एक्का से अधिकारियों के ट्रांसफर- पोस्टिंग में विशाल चौधरी की संलिप्तता के बारे में भी पूछा। आरोप लगाया गया है कि विशाल चौधरी ने आर्थिक लाभ के बदले अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए अपने रसूख का इस्तेमाल किया। आरोप है कि विशाल चौधरी ने गृह विभाग और झारखण्ड पुलिस आवास निगम के टेंडर और ठेकों का भी प्रबंधन किया। विशाल चौधरी के आवास से बरामद संदिग्ध नकद लेनदेन से संबंधित कुछ दस्तावेज थे एजेंसी ने उनसे यह भी बताने के लिए कहा कि क्या उनका विशाल चौधरी के साथ कोई व्यक्तिगत या व्यावसायिक संबंध है।
सूत्रों की माने तो ईडी के अधिकारियों ने राजीव अरुण एक्का को कई सारे डिजिटल इवीडेंस दिखाकर विशाल चौधरी से उनके संबंधों के विषय में पूछताछ की। ईडी के अधिकारियों ने राजीव अरुण एक्का से ट्रांसफर पोस्टिंग में उगाही से जुड़े सवाल पूछे। राजीव अरुण एक्का ने ईडी के अधिकांश सवाल के जवाब में याद नहीं आने की बात कही। ईडी ने आईएएस अधिकारी से पूछा की आईएएस, आईपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग के पहले वह लिस्ट क्यों विशाल चौधरी को भेजते थे। ईडी को विशाल चौधरी के मोबाइल से आईएएस, आईपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग के पहले स्थापना समिति की अनुशंसा से जुड़ी कागजात मिली थी। मुख्य सचिव की स्थापना वाली समिति से जुड़े कागजात अधिसूचना और हस्ताक्षर के पहले क्यों भेजे गए, इससे जुड़े सवाल पूछे गए। विशाल चौधरी को भेजे लिस्ट से ही बाद में अधिकारियों का पदस्थापन हुआ। वहीं ईडी ने राजीव अरुण एक्का को वह वीडियो में दिखाया जिसमें वह विशाल चौधरी के दफ्तर में बैठकर काम करते दिख रहे हैं। ईडी के अधिकारियों ने इस वीडियो के विषय में राजीव अरुण एक्का से पूछा कि यह वीडियो कब का है, साथ ही वीडियो में वह किस दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, इस विषय में भी ईडी ने राजीव अरुण एक्का से जानकारी मांगी। ईडी ने तकरीबन दस घंटे की पूछताछ के बाद राजीव अरुण एक्का को रात सवा नौ बजे छोड़ा है।
बता दें ईडी ने 24 मई 2022 को विशाल चौधरी के ठिकाने पर छापेमारी की थी इसके अलावा ईडी ने राजीव अरुण एक्का के बहनोई निशिथ केशरी के ठिकानों पर भी छापा मारा था. ईडी ने विशाल चौधरी के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के अशोक नगर रोड नंबर छह स्थित आवास में जब छापेमारी करने पहुंची थी, तब उसने गेट खोलने से पहले अपना आइफोन कचरे में फेंक दिया था. ईडी ने उस मोबाइल को जब्त कर लिया था. समझा जाता है कि विशाल चौधरी के डिजिटल साक्ष्य के विश्लेषण में ईडी को यह सबूत मिला है कि राजीव अरुण एक्का का विशाल चौधरी से घनिष्ठ संबंध था।
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