गया समाजशास्त्रीय अध्ययन विभाग, दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय सीयूएसबी के समाजशास्त्रीय अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ० अनिल कुमार सिंह झा की पुस्तक ‘अमरनाथ झा’ साहित्य अकादेमी, दिल्ली से प्रकाशित हुई है। यह पुस्तक लब्धप्रतिष्ठ समाजशास्त्री एवं मैथिली के यशस्वी साहित्यकार प्रो० हेतुकर झा द्वारा अंग्रेजी में लिखी गई पुस्तक ‘अमरनाथ झा’ का मैथिली अनुवाद है, जो साहित्य अकादेमी, दिल्ली द्वारा ‘भारतीय साहित्य के निर्माता’ शृंखला में 1997 में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्तक को लिखने का अवसर प्रदान करने के लिए डॉ० झा ने साहित्य अकादेमी का आभार व्यक्त किया और बताया कि इस अनूदित पुस्तक से मैथिली भाषी लोगों को अमरनाथ झा के व्यक्तित्व और कृतित्व को समझने में बहुत सुगमता होगी।डॉ० झा की प्रकाशित पुस्तकों में ‘जेंडर इक्वलिटी इन बिहार: साउण्ड ऑफ साइलेन्स’; ‘रीथिंकिंग जेंडर इक्वलिटी’; डेमोग्राफी एंड डेवलपमेन्ट: चैलेंजेज़ ऑफ चेंज’; सोसिओलॉजिकल थिंकर्स’ आदि बहुत लोकप्रिय है। मैथिली में लिखी हुई डॉ० झा की यह पहली पुस्तक है। अपनी इस छठी प्रकाशित पुस्तक के प्रसंग डॉ० झा ने बताया कि महामहोपाध्याय डॉक्टर सर गंगनाथ झा के पुत्र डॉ. अमरनाथ झा भारत के प्रसिद्ध विद्वान, साहित्यकार और शिक्षा शास्त्री थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 1954 में ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित किया गया था। वे हिन्दी के प्रबल समर्थकों में से एक थे। हिन्दी को सम्माननीय स्तर तक ले जाने और उसे राजभाषा बनाने के लिए उन्होने बहुमूल्य योगदान दिया था। मिथिला के सांस्कृतिक धरोहर और अपनी मातृभाषा, मैथिली से ये बहुत निकटता रखते थे। ऐसा माना जाता है कि भाषा और साहित्य के प्रति अपने प्रेम के कारण ही ये मैथिली, हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, बंगाली, उड़िया, आसामी, उर्दू , फारसी, आदि भाषाओं पर अपनी दक्षता बना पाये थे। मैथिली, संस्कृत और अंग्रेजी में किए गए अपनी रचना के कारण अपनी विद्वता के लिए डॉ. अमरनाथ झा विश्वविख्यात थे। सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह, कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह, सामाजिक विज्ञान एवं नीति पीठ के अधिष्ठाता प्रो. कृष्णन चलिल तथा विभाग के सभी प्राध्यापकों ने डॉ० झा की इस अकादमिक उपलब्धि पर साधुवाद दिया है।

