भुखमरी, आर्थिक बदहाली और बिजली की किल्लत झेल रहे पाकिस्तान का परेशानियां पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रही हैं. कर्ज के लिए IMF समेत पश्चिमी देशों से गुहार लगा रहे पाकिस्तान के गले एक और मुसीबत पड़ गई है
अब ईरान ने पाकिस्तान पर भारी भरकम जुर्माना ठोकने की धमकी दी है. ईरान ने पाकिस्तान पर 18 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाने की धमकी दी है. पाकिस्तानी रुपए में इसकी कीमत करीब 48 हजार 960 करोड़ करोड़ रुपए होती है. जुर्माने की रकम इतनी ज्यादा है कि पाकिस्तान किसी कीमत पर इतने पैसों का इंतजाम नहीं कर पाएगा.
ईरान की इस धमकी की वजह एक गैस पाइपलाइन है. साल 2009 में पाकिस्तान और ईरान के बीच गैस पाइपलाइन बिछाने को लेकर एक डील हुई थी. तब वहां पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की सरकार थी. PPP पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पार्टी है. समझौते के मुताबिक पाकिस्तान को अपने इलाके में करीब 800 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछानी थी. काम पूरा होने के बाद ईरान पाकिस्तान को गैस सप्लाई करने वाला था, लेकिन यह प्रोजेक्ट 14 सालों से रुका पड़ा है.
यह पाइपलाइन अब तक पूरी न हो पाने की सबसे बड़ी वजह अमेरिका है. पाकिस्तान का दावा है कि अमेरिका ने ईरान पर लगे प्रतिबंधों का हवाला देते हुए पाकिस्तान को प्रोजेक्ट पूरा करने से रोक रखा है. ईरान सालों पहले ही अपने तरफ की पाइपलाइन बिछा चुका है. जब भी ईरानी अधिकारी पाकिस्तान से अपने तरफ की पाइपलाइन पूरा करने की मांग करते हैं, वह अमेरिकी प्रतिबंधों का हवाला देते हुए ईरान की मांग को टाल देता है. पाकिस्तान कहता है कि हम (पाकिस्तान) तो पाइपलाइन बिछाने के लिए तैयार हैं, लेकिन अमेरिका के प्रतिबंध की वजह से ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. पाकिस्तान की इस टालमटोल से परेशान होकर ही ईरान ने उस पर भारी भरकम पेनाल्टी ठोकने का मन बना लिया है.
पाकिस्तानी मीडिया डेली टाइम्स के मुताबिक तेहरान ने पाकिस्तान को मार्च 2024 तक का समय दिया है. तब तक अगर पाकिस्तान अपने इलाके में ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन बिछा लेता है तो ठीक, लेकिन अगर वह इस काम को करने में कामयाब नहीं होता है तो ईरान आगे एक्शन लेने पर मजबूर हो जाएगा. ईरान के अधिकारी इससे पहले जनवरी 2023 में पाकिस्तानी अधिकारियों से कह चुके हैं कि उन्हें किसी भी हालत में तय समय के अंदर गैस पाइपलाइन बनानी ही पड़ेगी.
इतने खराब हुए पाकिस्तान के हाल
पाकिस्तान में हर बीतते दिन के साथ हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. सरकार भी ये मान चुकी है कि देश की आर्थिक स्थित खराब हो चुकी है. ताजा हालातों की बात करें तो गेहूं की किल्लत के चलते आटे के दाम 150 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गए हैं, चिकन 650 रुपये प्रति किलो औद दूध भी 150 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने की कगार पर पहुंच जाने के चलते सरकार जरूरी सामानों का आयात करने में भी सक्षम नहीं है. इसके चलते Petrol-Diesel से लेकर रोजमर्रा के सामानों की कमी से लोग जूझ रहे हैं. रसोई गैस सिलेंडर का दाम 10,000 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच चुका है
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