हजारीबाग की गायिका अर्चना यूं तो हजारीबाग की माटी कला- संस्कृति के क्षेत्र में उन्नत रही है। लेकिन कुछ उभरते हुए कलाकारों ने इनदिनों अपनी स्वर और साज से धमाल मचा रखा है। इन्हीं में एक उभरती हुई गायिका नारी शक्ति के स्वाभिमान की प्रतीक हैं कोयलांचल की धरती धनबाद में जन्मी अर्चना मिश्रा। गायिका अर्चना मिश्रा की शादी हजारीबाग के कटकमदाग थाना क्षेत्र के कूद, रेवाली में हजारीबाग सेंट्रल जेल में पदस्थापित सिपाही डी.के.मिश्रा से हुई है। डी.के.मिश्रा आर्मी से सेवानिवृत्त होने के बाद जेल में अपनी सेवा दे रहे हैं। हजारीबाग के इंटरनेशनल रामनवमी पर सीरीज गीतों के माध्यम से अपने सुमधुर स्वर देकर राम भक्तों के बीच इन्होंने जो कलरव मचाया वह ना सिर्फ धार्मिक भावनाओं को जागृत करता है बल्कि हिंद, हिंदू और हिंदुस्तान के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के प्रति हजारीबाग के राम भक्तों की अटूट आस्था को भी बखूबी प्रदर्शित करता है। दिवाना श्री राम, खंजर बेवफा जैसे अलबम के इंटरनेशनल रामनवमी है, मैं हूं राम का दीवाना, पीके राम रस प्याला जैसे गीत हिट नहीं बल्कि सुपरहिट हुए और हजारीबाग के बच्चे- बच्चे के जुबां पर सुनने को मिला। अर्चना मिश्रा ने हिंदी के अलावे खोरठा, नागपुरी और भोजपुरी भाषा में सैकड़ों गीत गए और अपने गीतों से संबंधित कई वीडियो एलबम में इन्होंने उम्दा अभिनय कर अपने हुनर का जलवा बिखेरा है। अर्चना मिश्रा के अनुसार गायन के क्षेत्र में बचपन से ही लगाव रहा है लेकिन शादी के बाद पति और ससुराल वालों के असीम सहयोग और समर्थन का ही नतीजा है कि मैंने एक के बाद एक गीत गाया और यह क्रम निरंतर जारी है। अर्चना मिश्रा कहती है कि गायन कला एक कठिन तपस्या है और इसके लिए त्याग, एकनिष्ठा, एकाग्रता और समर्पण अति अनिवार्य है। अर्चना मिश्रा अपने अद्भुत गायन और ईश्वरी गुणों के देन के बदौलत आने वाला दिनों में गायकी के क्षेत्र में ना सिर्फ झारखंड प्रांत बल्कि समस्त हिंदुस्तान में अपने स्वर कोकिला बनकर उभरेंगी और हजारीबाग का नाम रोशन करेंगी ।
8 दिसम्बर से बहेगी तुलसी भागवत नगर शोभायात्रा के साथ कतरास के नदी किनारे नियर सुर्य मंदिर मंदिर में भागवत की व्यार।
8 दिसम्बर से बहेगी तुलसी भागवत नगर शोभायात्रा के साथ कतरास के नदी किनारे नियर सुर्य मंदिर मंदिर में भागवत की व्यार।