फोटो : प्रेस वार्ता में भाग लेते प्रभारी सीआई
चौपारण प्रखंड पीएलवी एवं प्रेस क्लब के अध्यक्ष हरेंद्र कुमार राणा के अध्यक्षता में प्रेसवार्ता किया गया। संचालन प्रेस क्लब सदस्य सह भाजपा महामंत्री अरविन्द सिंह ने किया। प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से प्रेस क्लब संरक्षक सह सांसद प्रतिनिधि मुकुंद साव, संरक्षक सह विधायक स्वास्थ्य प्रतिनिधि अभिमन्यु प्रसाद भगत, संरक्षक सह मंडल अध्यक्ष सह जिप प्रत्याशी सुरेश कुमार साव के उपस्थिति में अंचल निरीक्षक अजय कुमार सिंह उपस्थित होकर अंचल से जुड़े जनहित की जानकारी दिए। उन्होंने बताया कि पूर्व में भूमि संबंधी विवाद पर अंचलाधिकारी के निर्देशन में दोनों पक्षो को नोटिस देकर अंचल कार्यालय में कोर्ट लगा कर निष्पादन किया जाता था। विभागीय उदासीनता के कारण यह कार्यक्रम निष्क्रिय हो गया है। साथ ही कहा कि अंचल की सबसे बड़ी समस्या रसीद का है। जिला अपर समाहर्ता कार्यालय में 10 लाख डिमांड लंबित है।
अंचल में इंटरनेट स्पीड सही से काम नही करने के कारण प्रखंड एवं अंचल के अधिकतर कार्य लटकता जा रहा है। जिसमें आय, जाति, आवासीय सहित अन्य आवश्यक प्रमाण पत्र समय पर निर्गत नही हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि दाखिल खारिज करवाने के लिए केवाला, रसीद, खतियान, वंशावली, आधार कार्ड अतिआवश्यक है। जिसमे किसी प्रकार की राशि नही देना पड़ता है। क्योंकि रजिस्ट्री के समय ही सरकार द्वारा राजस्व जमा कर लिया जाता है। दाखिल खारिज 30 से 90 दिन के अंदर करने का निर्णय पूर्ण कर दिया जाता है। वही उन्होंने कहा कि सरकार गुलजार बाग पटना बिहार से जमीन संबंधी सभी खतियान एवं नक्सा मंगवा लेना चाहिए। जिससे पुराना से पुराना जमीन संबंधी कई विवाद का समाधान निकल जाता। वही हजारीबाग में नक्सा गोदाम वर्षों से बंद और जर्जर हो गया है। जिसे खुलवा कर जांच करवानी चाहिए। जिससे बहुमूल्य कागजात खराब होने से पूर्व सहेजा जा सके। जिससे जिला के सभी स्तर के जमीन से सम्बंधित कागजात सुरक्षित किया जा सकता हैं उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से घोषित है कि वन भूमि सिर्फ और सिर्फ आदिवासियों को ही पट्टा के रूप में पर्चा दिया जा सकता है। जिसके अंतर्गत चौपारण के 100 मुंडा परिवार को पर्चा दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय अनदेखी के कारण एक ही मुंडा को कई जगहों पर अलग-अलग पट्टा दिया जा रहा है। जो जांच की आवश्यकता है।
प्रभारी सीआई ने जानकारी दिया कि एसटी को वन भूमि सहित सभी तरह के भूमि का पट्टा या पर्चा दिया जाता है। लेकिन एसी को वन भूमि को छोड़ कर अन्य भूमि का पर्चा दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पहले सीओ के द्वारा बंटवारा नामा का सरकारी पहल करने का प्रयास शुरू किया था। जो अब तक सफलता की ओर बढ़ता हुआ नही दिख रहा है। पहले सरकार द्वारा कर्मचारियों पर राजस्व को लेकर 98 प्रतिशत तक वसूली का लक्ष्य दिया जाता था। नहीं दिए जाने पर कर्मचारी के जीएफ से निकाल कर जमा कर लिया जाता था। लेकिन वर्तमान में ऑनलाइन होने के कारण सरकार का राजस्व वसूली शून्य हो गया है। प्रखंड व अंचल में सीओ, सीआई, सीडीपीओ सहित कई पद प्रभार पर संचालित है। अंचल में 15 कर्मचारी के जगह में मात्र 6 कर्मचारी व 5 सहायक कर्मी में 3 कर्मी पदस्थापित है। जिले के 16 अंचल में मात्र 4 अमीन ही है। मौके पर शंकर यादव, अरविन्द कुमार सिंह, प्रमोद सोनी, अभिमन्यु सिंह, मुकेश राणा, रामसेवक राणा सहित अन्य लोग उपस्थित थे ।