धनबाद: भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव डी.एस.कौलोनी दुर्गा मंदिर के प्रांगण में हरीदास जी महाराज के वाणी से पुरे हीरापुर धनबाद नगरी में वृंदावन सा माहौल हो गया. आज की कथा मे जब-जब भी धरती पर आसुरी शक्ति हावी हुईं, परमात्मा ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की। मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रुप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप में जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाते भागवत के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए चौथे दिवस भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा का वर्णन किया।ईश्वर के चौबीस अवतारों में से प्रमुख भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र से मर्यादा और श्रीकृष्ण चरित्र से ज्ञान, योग व भक्ति की प्रेरणा लेकर जीवन को धन्य करना चाहिए।जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा सुनते हुए उसी के अनुसार कार्य करें। कथा का सुनना तभी सार्थक होगा जब उसके बताए हुए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करें।
कथा में हरीदास जी महाराज ने रामकथा का संक्षिप्त में वर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने धरती को राक्षसों से मुक्त करने के लिए अवतार धारण किया। कथा में कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा। पांडाल में श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जेजेकार के साथ झूमकर कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई।भगवान कृष्ण का जन्म राक्षसों का संघार करने के लिए हुआ था। श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण की सामूहिक जय-जयकार के बीच पूर्ण श्रद्धाभाव के साथ उनका जन्मदिवस मनाया।कार्यक्रम स्थल को विभिन्न प्रकार के रंगों के गुब्बारों से सजाया गया और बधाई गीतों के बीच भक्तिमय वातावरण बना रहा।
महाराज ने श्रीकृष्ण के कंस के कारागार में जन्म का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि देवकी वसुदेव की संतानो की कंस द्वारा हत्या के बाद आठवीं संतान के रूप में श्रीकृष्ण का जन्म होने पर वसुधेव द्वारा उन्हें टोकरे में बिठाकर नंद गाव पहुंचाने, यमुना मैया द्वारा श्रीकृष्ण चरण प्रक्षालन के बाद गोकुल में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के वर्णन ने समूचे वातावरण को कृष्णमयी बना दिया।
इस दौरान कथा पाण्डाल में उपस्थित श्रद्धालुओं द्वारा नंद घर आनंद भयों, जय हो कन्हैयालाल की, बाजै बाजै रे बधाई भैया तोरे अंगना सहित कृष्ण भजनों पर भाव विभोर होकर बधाईयां बाटने का दौर चला।
कथा में हरीदास जी महाराज ने कहा कि सभी को भगवान राम से मर्यादा व भगवान श्री कृष्णा से ज्ञान योग भक्ति की प्रेरणा लेनी चाहिए।
श्री राम के जीवन वृतांत का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान को बुलाने से कोई पूर्ण नहीं होता, भगवान को पहचानने से ही मोक्ष की प्राप्ती होती है। इसलिए श्री कृष्ण को पहचानने के लिए मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के जीवन के बारे में पूर्ण जानकारी होना भी आवश्यक है। उन्होने कहा कि संसार के हर मनुष्य को अपने-अपने कर्मों को भोगनों ही पडता है।कथा सुनने गोधर सहित आसपास से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। कथा को सफन बनाने में राजेश अग्रवाल, बबलू टाईड,छोटू, अजय गोपाल, सीता देवी, माधव आचार्य, कविता झा, मंजू यादव , , अनीता देवी समेत समस्त डी एस कौलोनी के नगरवासी भक्तगण सेवा में लगे हैं
DHANBAD:कांग्रेस प्रत्याशी अजय कुमार दूबे राजकीय मध्य विद्यालय हीरापुर हटिया में धर्मपत्नी के साथ अपना मतदान किया,
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