हमारे भारत देश में हिन्दू / सनातन धर्म में गंगा स्नान का बहुत ही महत्व बताया गया है गंगा को माता कहकर पुकारते है सूत्रों का दावा है कि गंगा स्नान करने से सब कष्ट दूर हो जाते है ओर बताया गया है कि राजा सगर के 60 हजार पुत्र जलकर खाक हो गये थे तब राजा भागीरथ ने भगवान शिव की बहुत लंबी पूजा-अर्चना /अराधना कर गंगा को पृथ्वी पर लाने की प्रार्थना की थी तब जाकर गंगा मैया तैयार हुई थी जब गंगा अपने वैग से निकली तो शिवजी जी की जटा में उलझ गयी तब शिवजी महाराज ने एक जटा से एक धारा पृथ्वी पर लोगों के उद्घार हेतु उतारी थी तभी गंगा मैया राजा भगीरथी के पीछे-पीछे चल दी राजा भगीरथी जँहा-जँहा से होकर गुजरे वहाँ-वहाँ पृथ्वी हरी-भरी व खुलहाली नजर आने लगी ओर भगीरथी ने अपने उस आश्रम पर ले गये जहाँ राजा सगर के 60 हजार पुत्र की आस्थीयाँ पड़ी हुई थी। राजा भगीरथी ने जब अपने पूर्वजों को गंगा स्नान करा शांति व मुक्ति दिलाई। तभी से लोग गंगा स्नान कर व मृतको की आस्थीयां विसर्जित कर अपने पूर्वजों को शांति व मोक्ष दिलाते है। व दीपदान करते हैं।
उसी क्रम में कल 8 नवम्बर को गंगा स्नान यानी पूर्णमासी का पावन अवसर था। यह पर्व दीपावली के 15 दिन बाद आता है। इस पावन पर्व पर भक्तगण गंगास्नान कर पुण्य लाभ कमाते है।
उसी क्रम में जिला बुलन्दशहर के तमाम तहसीलों व गाँव-गोट से भक्तगण टैक्टर-ट्रौली बुगगी, तांगे, साईकिल, मोटरसाइकिल, कारों से अनुपशहर की छोटी काशी में लाखों की तादात में आकर भक्तगण / श्रद्वालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी ओर उसके बाद गंगा मैया की विधीविधान से पूजा अर्चना व आरती कर पुण्य लाभ उठाया। ओर इसके अलावा हमारी तीसरी आँख ने देखा कि कहीं तो पहलवान मल युद्व कर अपना दमखम दिखाते नजर आये तो कहीं पर नवयुवक हुक्का गुड़गुडा़ते नजर आये तो कहीं पर भक्तगण अपने नन्हें-मुन्ने बच्चो का मुड़न कराते नजर आये। तो कहीं पर लोग अपने पूर्वजों के नाम के दीये जलाते /लगाते नजर आये।
इस व्यवस्था को बनाने में अनुपशहर /स्थानीय प्रशासन का विशेष सहयोग रहा।
इस अवसर की कुछ झलकी पेश है।
ब्यूरों पवन शर्मा बुलन्दशहर।
आजाद दुनिया न्यूज ।
दि0-09/11/2022
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