गया:हौंसले की उड़न भर रोजगार प्रशिक्षण के लिए 32 ग्रामीण महिलाएं नामांकन के गया से जमुई पहुंची



गया जिले से 32 इछुक ग्रामीण युवा महिलाएं नामांकन के लिए 24 अगस्त को विजन इण्डिया प्रशिक्षण केंद्र, जमुई पहुंची। दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के रौशनी कार्यक्रम के अंतर्गत आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान 18 अगस्त को इन सभी का चयन किया गया था। सभी को जीविका के माध्यम से विजन इंडिया द्वारा तीन महा तक रोजगार कौशल विकास हेतु निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण दिया जायेगा। सफलता पूर्वक प्रशिक्षण के उपरांत इन्हें आरंभिक रोजगार के लिए बीपीओ नॉन वॉइस और रिटेल सेल्स एसोसिएट के रूप में प्लेसमेंट करने में भी सहयोग भी किया जएगा।
दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना रोशनी कार्यक्रम के अंतर्गत गया जिला हेतु इस समय में कुल कुल 7 प्रशिक्षण केंद्र बोधगया, जमुई, पटना एवं नोएडा में संचालित हो रहे है जो की कोविड के कारण नोएडा केंद्र को छोड़ कर बंद है | जून 2021 तक कुल 2529 युवाओं का प्रशिक्षण संपन्न किया जा चुका है जिसमे से कुल 2276 युवाओं को रोजगार से जुड़ने का अवसर प्रदान किया गया है। वहीं जीविका के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में सीधे रोजगार उपलब्ध करने हेतु कुल 21 रोजगार मेला का आयोजन के माध्यम से कुल 5300 युवाओं को ऑफर लेटर प्रदान किया गया जिसमें से 2899 युवाओं को रोजगार को ज्वाइन कराया गया है | अगस्त में यह 22 वां रोजगार मेला है जो कोविड को ध्यान में रख आभासी अर्थात वर्चुअ रूप में आयोजित किया गया है।दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) जिसका उद्देश्य गरीब ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान कर उन्हें नियमित मासिक मजदूरी या न्यूनतम मजदूरी से अधिक की नौकरी प्रदान करने के उदेश्य से 25 सितम्बर 2014 को केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है। यह ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की उन महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है जो ग्रामीण युवाओं की आजीविका को बढ़ावा देती है। यह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का एक हिस्सा है जिसे कौशल विकाश एवं क्षमता निर्माण द्वारा गरीबी को कम करने उदेश्य से आंरभ किया गया है।
डीडीयू-जीकेवाई विशेष रूप से गरीब परिवारों के 15 से 35 वर्ष के ग्रामीण युवाओं के कौशल विकाश पर विशिष्ट रूप से केंद्रित है जिन्हें आगे 18 से 35 वर्ष के बीच रोजगार की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। स्किल इंडिया अभियान के एक हिस्से के रूप में, यह मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटीज और स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया जैसे अभियानों के साथ यह सरकार के सामाजिक और आर्थिक कार्यक्रमों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बिहार में इस योजना के सही से क्रियान्वयन के उदेश्य से ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार द्वारा जीविका को नोडल के रूप में कार्यभार दिया गया है। योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक प्रखण्ड में प्रखण्ड परियोजना प्रबंधक जीविका के अन्य कार्यो के साथ डीडीयू-जीकेवाई से कार्यों भी करते हैं। जीविका समुदाय से कैडर का चयन कर उन्हें जॉब रिसोर्स परसन के रूप में कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि सरलता से कार्य कराया जा सके। कौशल पंजी में रोजगार अथवा प्रशिक्षण पाने के इच्छुक युवक अथवा युवती का डाटा प्राप्त कर उन्हें समय से प्रशिक्षण दिलाने के लिए कांउसलिंग कर परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी में भेजा जाता हैH जहाँ आवासीय प्रशिक्षण की व्यवस्था रहती है।

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