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गया मगध यूनिवर्सिटी के वीसी राजेंद्र प्रसाद के यहां छापेमारी, करोड़ों कैश के साथ अवैध कमाई का खुलासा के बाद भी अभी तक कुलपति एवं सभी दोषीयों कि गिरफ्तारी ना होना सरकार एवं राज्यभवन पर सबाल खड़ी करती है, ऐसा लगता कि भष्टाचारियों को सरकार एवं राज्यभवन बचाना चाहती है। परिषद ने भ्रष्ट कुलपति एवं भ्रष्टाचारियों का पुतला दहन कर असत्य पर सत्य कि जीत होने के लिए रावण रूपी कुलपति एवं भ्रष्टाचारियों का दहन किया। जिस तरह से मगध विश्वविद्यालय में भ्रष्ट कुलपति एवं उनके सहयोगियों ने छात्रों के पैसे एवं सरकारी पैसे को लूटने का काम किया उसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। भ्रष्ट कुलपति एवं उनके करीबी माने जाने वाले कई शिक्षक एवं प्राचार्यों ने छात्रों के पैसों को लूटने का काम कर रहें है साथ ही सरकार के , विश्वविद्यालय के नियमों को ताक पर रखकर आर्थिक अनियमितता करने का काम कर रहे है इसकी भी जांच कर तमाम मगध विश्वविद्यालय में भ्रष्ट लोगों की गिरफ्तारी होनी चाहिए,परिषद लंबे समय से भ्रष्ट कुलपति के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है परिषद के कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला भी मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के चहेतों द्वारा कराया गया था उसके बावजूद परिषद के कार्यकर्ता बिना डर के भ्रष्टाचारियों का चेहरा उजागर करने का काम कर रहे है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बार-बार अभी भी कह रही है कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद की नियुक्ति के बाद उनके कई चहेते प्राचार्य एवं शिक्षकों ने बड़े पैमाने पर घोटाले किए हैं कुलाधिपति, निगरानी एवं सरकार को उसकी भी जांच करा कर इन दोषीयों पर भी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए साथ ही साथ कॉलेजों में हुए तमाम कार्यों की जांच होनी चाहिए, मगध विश्वविद्यालय के विभागों में हुई तमाम कार्यों की भी जांच होनी चाहिए। तभी दूध का दूध पानी का पानी होगा और भ्रष्ट व्यक्तियों की पहचान होगा।
आज जिस तरह से कुलपति ने अपने काले कारनामों को छुपाने के लिए अपनी छापेमारी को जाति की राजनीति दी है वह कुलपति के दुर्भावना ग्रस्त मानसिकता को दर्शाता है बिहार सरकार को अविलंब कुलपति की गिरफ्तारी करनी चाहिए क्योंकि कुलपति जातीय उन्मूलन फैलाने का प्रयास कर रहे हैं जोकि बिहार राज्य के लिए खतरा है इतने दिन बीत जाने के बाद भी कुलपति एवं भ्रष्टाचारियों की गिरफ्तारी ना होने से भष्टाचारियों का मनोबल दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रही है अगर इनकी गिरफ्तारी जल्द नहीं हुई तो इनके द्वारा कई अहम दस्तावेज के साथ छेड़खानी भी की जा सकती हैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सरकार एवं राज्यभवन से मांग करती है कि अभिलंब सभी दोषियों की गिरफ्तारी कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का काम करें साथ ही साथ राजभवन तमाम विश्वविद्यालयों की क्रियाकलापों की जांच कर बिहार के और विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने हेतु कारवाई करने का काम करें जिससे कि इन भ्रष्टाचारियों का मनोबल खत्म हो एवं छात्रों का उनका हक मिले। अगर जल्द से जल्द तमाम दूसरी गिरफ्तारी नहीं होती है तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूरे बिहार में चरणबद्ध आंदोलन करेगी।मालूम हो कि फरवरी 2021 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मगध विश्वविद्यालय संयोजक सूरज सिंह द्वारा डिग्री प्रिटिंग, कॉपी व अन्य सामग्री के खरीद में हेराफेरी का आरोप लगाते हुये विजिलेंस से जांच की मांग की थी। इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई द्वारा पहले कुलपति के खिलाफ केस दर्ज किया गया हु। स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने केस (संख्या 2/2021) दर्ज किया है। उसमें मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद एवं कई और व्यक्ति पर केस दर्ज किया है। इसके अलावा पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार जितेंद्र कुमार और अन्य के खिलाफ धारा 120 बी, 420 आईपीसी, पीसी एक्ट 1988 समेत अन्य धाराओं में 16 तारीख को केस दर्ज किया गया था। उसके बाद कुलपति के कई ठिकानों पर छापेमारी शुरू हुई है।इस पुतला दहन के मौके पर
अमन शेखर राहुल सिंह अभिषेक आर्य(बिट्टू) सर्वण कुमार निशांत कुमार प्रिंस कुमार अमित सिन्हा सुमित कुमार सौरभ स्वराज डिंपल कुमार विकास अकेला विशाल कुमार मंजीत राज सौरभ सिंह महजूद थे ।
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