फोटो : फौजी के भूमि को पुलिस जवान लगा कर अधिग्रहित करते
चौपारण प्रखंड में जीटी रोड 4 लेन को सिक्स लेन में परिवर्तित करने के लिए एनएचआई ने एक तरफ रैयतों के उचित मुआवजे का अधिकार को कुचल कर रख दिया है। वही सर्वेयर द्वारा किया गया गलती को सुधारने के बचाय पुलिस बल लेकर जबरन काम कर जीना मुश्किल कर दिया है। उक्त बातें देश की एक इंच भूमि को बचाने के लिए जी जान तक न्यौछावर करने को तत्पर रहने वाला जाबांज भारतीय वायुसेना में कार्यरत संजय कुमार ने बताया। उन्होंने कहा कि फौजी अपने देश के एक एक इंच जमीन की रक्षा के लिए अपने जान न्यौछावर कर देते हैं। लेकिन वही जब उस फौजी का जमीन गलत लैंड एक्विजिशन प्लान बना कर जरूरत से अत्यधिक अधिग्रहित किया जाता है, तो उसका सुनने वाला कोई नहीं होता। संजय ने बताया कि फोर लेन से सिक्स लेन निर्माण के लिए रैयत उमराव गवार के रैयती पुस्तैनी भूमि प्लॉट नंबर 48, 49, 51 एवं 54 का 51 डिसमिल भूमि को अधिग्रहित कर लिया गया है। नियमतः कोलकत्ता से दिल्ली तक के निर्माण में सेंटर से 100-100 फीट दोनों तरफ भूमि अधिग्रहित किया जा रहा है। जबकि एनएचआई के सर्वेयर लापरवाही या जानबूझ कर व्यास यादव (उमराव गवार) के भूमि का प्लॉट संख्या 48 एवं 49 के पास 147 फीट, प्लॉट संख्या 51 के पास 160 फीट, प्लॉट संख्या 54 के पास 169 फीट भूमि अधिग्रहित कर लिया गया है। फौजी संजय ने एनएचआई के सर्वेयर द्वारा किया गया गलती को सुधारने के लिए विगत पांच वर्षों से संबंधित सभी कार्यालय पीएमओ कार्यालय, एनएचएआई विजिलेंस, आयुक्त हजारीबाग, उपायुक्त हजारीबाग, जिला भू-अर्जन कार्यालय, आंचल कार्यालय चौपारण, एनएचएआई क्षेत्रीय कार्यालय रांची, एनएचएआई पीआईयू हजारीबाग को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है। लेकिन अभी तक कोई उचित करवाई नहीं किया गया। फौजी संजय ने बताया कि संबंधित कार्यालय से गुहार लगाते हुए मांग किया हूं कि एनएचआई जितना भूमि अधिग्रहित किया है। उस पर बना मकान का मुआवजा भुगतान कर दे या 100 फीट भूमि लेकर शेष 30 डिसमिल भूमि रैयत को वापस कर दे। नियम संगत किसी भी एक बात को मानते हुए देश हित के लिए बन रहे सिक्स लेन का निर्माण किया जाय। उन्होंने प्रेस के माध्यम से प्रखंड-जिला से लेकर पीएमओ तक गुहार लगाया है कि अगर मैं देश रक्षा के लिए कार्य कर रहा हूं। तो मेरे दादा के पुस्तैनी भूमि को गलत तरीके से अधिग्रहित कर भविष्य के लिए हमारे परिवार को भूमि से वंचित नही किया जाय।

