धनबाद – जिले में राष्ट्रीयकृत बैंको की कुल 200 ब्रांच हैं. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के अनुसार बैंको में दो दिनों तक कामकाज नहीं होंगे. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के सयोजक प्रभास चौधरी के अनुसार सरकार साजिश के तहत बैंको के निजीकरण का प्रयास कर रही है, जो किसी भी कीमत पर होने नहीं देंगे. दो दिनी हड़ताल इसी विरोध का परिणाम है. हड़ताल पर गए सभी बैंको के कर्मचारी और अधिकारी गुरुवार बैंक मोड के एसबीआई की मुख्य शाखा पर पहुंचकर प्रदर्शन किया और नारेवाजी की. संयोजक प्रभास चौधरी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सरकार और उद्योगपतियों के साठगांठ को नहीं चलने देंगे.
उद्योगपतियों के लाभ के लिए बैंकों को बर्बाद करने का आरोप
उद्योगपतियों के लाभ के लिए बैंकों को बर्बाद किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार संसद के इसी सत्र में भी बिल लाकर अपनी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा कर सकती है, अभी बैंकों में सरकार का 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसे कम कर अभी 26% किया जाएगा और आगे चलकर सरकार बैंकों को पूरी तरह से निजी हाथों में सौंप देगी. यह 2 दिन की हड़ताल सरकार को जगाने के लिए की गई है, इसके बाद भी सरकार सोई रही तो बैंककर्मी और अधिकारी आंदोलन तेज करेंगे और सरकार को बाध्य करेंगे कि वह बैंक कर्मियों के साथ अन्याय नहीं करे. बैंकों को निजी हाथों में नहीं दे. साथ ही उद्योगपतियों के साथ जो मित्रवत व्यवहार कर रही है. उसे बंद करें. आपको बता दे कि बैंको के दो दिन के हड़ताल से धनबाद को करीब 600 हजार करोड़ का नुकसान होने की खबर है. वहीं धनबाद बीसीसीएल ,ईसीएल ,सिम्फ़र ,रेलवे सहित तमाम केंद्रीय और सार्वजनिक उपक्रम का वितीय लेन देन प्रभावित होंगे. धनबाद में बीसीसीएल 12 कोलियरी क्षेत्र के अलावा तीन दर्जन कोल आउटसोर्सिंग कंपनिया भी प्रभावित होंगी.
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