गया शहर में आपतकाल जैसी स्थिति में जनसंध भाजपा होलटाइमर कार्यकर्ता भिख मागने की नोबत



गया भाजपा गया जिला अध्यक्ष धनराज शर्मा के नेतृत्व में गया जिला कार्यालय में 25जून 1975 के आपतकाल को काला दिवस के रूप में मनाया गया है इस अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, संगोष्ठी में प्रदेश महामंत्रीसह दीघा विधायक संजीव चौरसिया ने ज़ूम ऐप के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि देश वह दिन कभी भूल नहीं सकता जिस दिन लोकतंत्र की हत्या कर देश में अपने निजी स्वार्थ में सता में बने रहने के लिए आपतकाल लगाया गया था। उन्होंने अपने संबोधन कहा कि सन् 1974में छात्र आंदोलन की शुरुआत इसी बिहार की धरती से हुआ था। जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में लाखों छात्र आंदोलन का हिस्सा बने थे।उस समय भाजपा के नेता स्व.कैलाशपति मिश्रा, वर्तमान नेता सुशील कुमार मोदी, नंदकिशोर यादव,स्व नवीन किशोर सिन्हा ने अहम भूमिका निभाई थी।उस समय देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं।1971के चुनाव में रायबरेली से स्व.इंदिरा गांधी राजनारायण चुनाव हार गई थी लेकिन प्रशासन के मिलीभगत से इंदिरा गांधी को विजय घोषित कर दिया गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अवैध घोषित कर छ: साल के लिए राजनैतिक गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया था। पुनः यह मामला माननीय सुप्रीम कोर्ट में गया वहां भी स्व.इंदिरा गांधी को हार का मुंह देखना पड़ा।अब कांग्रेस को कोर्ट का फैसला नगवार गुजरा,तब सता हाथ से जाने के खतरा को देखते हुए अपने निजी स्वार्थ में देश में 25जून के आधी रात में आपतकाल की घोषणा कर दी गई और सभी मौलिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया है। पत्रकार और समाजिक कार्यकर्ता या राजनैतिक दल के प्रमुख लोगों को पकड़ पकड़ के जेलों में बंद कर बंदी बना लिया गया था।यह दिन भारत के इतिहास में काला दिन के रुप में भाजपा के कार्यकर्ता और देश की जनता मनाती रही है।
इस संगोष्ठी में गुरुआ के पूर्व विधायक राजीव नंदन दांगी, पूर्व जिलाध्यक्ष सह नवादा जिला प्रभारीअनिल स्वामी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सह औरंगाबाद जिला प्रभारी क्षितिज मोहन सिंह, जिला मिडिया प्रभारी युगेश कुमार,ने भी अपने विचार रखे।इस अवसर पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष , प्रेम प्रकाश महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष वंदना कुमारी, किरण पाण्डेय,आ.टी.संयोजक कमल सिन्हा उपस्थित थे।

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