Gaya:29 वीं वाहिनी एसएसबी ने अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर पोस्टर लगाकर वाहिनी कैंपस व ग्रामीणों को भी नशा मुक्त से दिया संदेश
गया में नशीली दवा, ड्रग्स का सेवन बर्बादी के कगार पर ले जाती है। नशा न केवल आपराधिक प्रवृत्ति को जन्म देती है, वरन परिवार की सुख शांति भी खत्म कर देती है
LJP में टूट के बाद पहली बार बोले चिराग पासवान- राम विलास के समय से ही साजिश में लगे थे कुछ लोग
लोजपा में चल रहे विवाद के बाद पहली बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि पिता राम विलास पासवान के रहते ही कुछ लोग उनकी पार्टी को तोड़ने में लग गए थे। इसको लेकर खुद राम विलास ने अपने भाई पशुपति कुमार पारस से पूछा भी था। यह सब तब भी हुआ जब उनके पिता आइसीयू में भर्ती थे। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी हारी नहीं, बल्कि बड़ी जीत दर्ज की। उनकी पार्टी का वोट प्रतिशत पहले से काफी बढ़ा है। सीटें कम आईं जरूर, लेकिन लोजपा ने चुनाव में जीत के लिए अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। पार्टी के संविधान के अनुरूप नहीं चाचा पारस का फैसलाचिराग ने कहा कि लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से उनको हटाए जाने का फैसला पार्टी के संविधान के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि संसदीय बोर्ड में बदलाव का फैसला केवल संसदीय बोर्ड या राष्ट्रीय अध्यक्ष ही ले सकते हैं, लेकिन उनके चाचा पशुपति कुमार पारस ने ऐसा नहीं किया। पार्टी और परिवार दोनों को बचाने का किया प्रयास चिराग ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी और परिवार दोनों को बचाने का हरसंभव प्रयास किया। उनकी मां रीना पासवान भी लगातार इस कोशिश में लगी रहीं। उन्होंने लगातार चाचा पारस और अन्य सहयोगियों को आमंत्रित किया कि मिल बैठकर समस्याओं पर बात की जाए और उसका निदान निकाल लिया जाए। जब लगा कि यह अब संभव नहीं है, तब उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और सभी पांच बागी सांसदों को पार्टी से बाहर करने का फैसला…