बापी घोषाल ने फोटोग्राफरों को सिखाया वेडिंग फोटोग्राफी का लाइव वर्कशॉप
बापी घोषाल ने फोटोग्राफरों को सिखाया वेडिंग फोटोग्राफी का लाइव वर्कशॉप
Gaya:हज यात्रियों को रवाना करते जिलाधिकारी ने कुशल रवानगी की कामना
हज यात्रियो को जिलाधिकारी ने किया रवाना
हज यात्रियों को रवाना करते जिलाधिकारी ने कुशल रवानगी की कामना
दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन गुजरात में बनेगा, जियो-गूगल के अधिकारी प्लांट की लोकेशन देखने पहुंचे
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले दिनों अपनी 44वीं एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) में दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन जियोफोन नेक्स्ट लॉन्च करने का एलान किया था। इस फोन को रिलायंस ने गूगल (google) के साथ मिलकर तैयार किया है। इस बारे में गुजरात सरकार के विश्ववसनीय सूत्रों का कहना है कि गूगल इस स्मार्टफोन का प्रोडक्शन गुजरात में कर सकता है। क्योंकि, कुछ समय पहले ही गूगल के अधिकारी प्लांट लगाने के लिए गुजरात में लोकेशन देखने पहुंचे थे। धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन का किया था दौराइस बारे में नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि गूगल के कुछ अधिकारी पिछले दिनों गुजरात पहुंचे थे। उन्होंने धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (धोलेरा SIR) का दौरा किया था। वहीं, धोलेरा में जारी इन्फ्रास्ट्रक्चर का काम 80% से ज्यादा पूरा हो चुका है और इसी के चलते गुजरात सरकार देश-दुनिया की कई कंपनियों के लिए धोलेरा का प्रमोशन भी कर रही है। कोरोना के बाद गुजरात में कोई कंपनी नहीं आईबता दें कोरोनाकाल के बाद से किसी बड़ी कंपनी ने गुजरात में निवेश नहीं किया है। कोविड के चलते इस साल वायब्रेंट गुजरात इन्वेस्टमेंट समिट भी नहीं हो पाया है। इसी के चलते राज्य सरकार भी गूगल को राज्य में लाने की कोशिशें कर रही है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि स्मार्टफोन प्लांट के लिए गूगल गुजरात में कितना निवेश कर सकती है। गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने रिलायंस की AGM के दौरान नए स्मार्टफोन के बारे में कहा था कि ‘हमारा अगला कदम गूगल और जियो द्वारा सस्ती कीमत के जियो स्मार्टफोन की शुरुआत करना है। यह भारत के लिए बना है और यह उन लाखों लोगों के…
5G की स्पीड से मिलेंगी नौकरियां: 1.5 लाख से ज्यादा लोगों को 5G देगा रोजगार; जानिए 2022 में इससे क्या-क्या बदल जाएगा
2020 में कोरोना महामारी आने से बहुत कुछ बदल गया। कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई, ऑनलाइन खरीदारी, ऑनलाइन क्लासेज, डॉक्टर की ऑनलाइन सलाह और टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल अचानक बढ़ गया। लोगों को ज्यादा तेज इंटरनेट की जरूरत महसूस होने लगी। टेलिकॉम कंपनियों ने देश में 5G टेक्नोलॉजी की इस तलब को भांप लिया है। यही वजह है कि पिछले कुछ महीने से 5G से जुड़ी नौकरियां तेजी से बढ़ रही हैं। डेटा एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबल डेटा के मुताबिक भारत में 5G से जुड़ी वैकेंसी अक्टूबर-दिसंबर 2020 के मुकाबले जनवरी-मार्च 2021 में दोगुना हो गईं। इस फर्म में बिजनेस फंडामेंटल एनालिस्ट अजय थल्लूरी का कहना है कि आने वाले महीनों में हायरिंग बढ़ सकती हैं, क्योंकि 5जी के आने से कई सेक्टर प्रभावित होंगे। हम यहां बता रहे हैं कि भारत में 5G सर्विस कब लॉन्च होगी? इसकी लॉन्चिंग का क्या असर होगा? 5G से कितनी और किस तरह की नई नौकरियां पैदा होंगी? इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर स्किल्स की ज्यादा डिमांड टैलेंट सॉल्यूशन कंपनी Xpheno की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 5G शुरू करने के लिए जल्द ही 1.5 लाख से ज्यादा लोगों की जरूरत पड़ेगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि IP नेटवर्किंग, फर्मवेयर, ऑटोमेशन, मशीन लर्निंग, बिग डेटा एक्सपर्ट, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर्स की डिमांड बढ़ेगी। ज्यादातर भर्तियां टेलिकॉम और IoT कंपनियां करेंगी।TeamLease सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक साल के आखिर में शुरू होने वाली 5G सेवाओं से न सिर्फ इंटरनेट स्पीड में इजाफा होगा, बल्कि अगले दो साल तक बंपर नौकरियां भी मिलेंगी। इसमें से ज्यादातर जॉब कॉन्ट्रैक्ट पर रहेंगी, लेकिन महामारी की मार से जूझ रहे देश में रोजगार के मोर्चे पर बड़ी राहत मिलेगी। इस फर्म के बिजनेस हेड देवल सिंह ने…
LJP में टूट के बाद पहली बार बोले चिराग पासवान- राम विलास के समय से ही साजिश में लगे थे कुछ लोग
लोजपा में चल रहे विवाद के बाद पहली बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि पिता राम विलास पासवान के रहते ही कुछ लोग उनकी पार्टी को तोड़ने में लग गए थे। इसको लेकर खुद राम विलास ने अपने भाई पशुपति कुमार पारस से पूछा भी था। यह सब तब भी हुआ जब उनके पिता आइसीयू में भर्ती थे। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी हारी नहीं, बल्कि बड़ी जीत दर्ज की। उनकी पार्टी का वोट प्रतिशत पहले से काफी बढ़ा है। सीटें कम आईं जरूर, लेकिन लोजपा ने चुनाव में जीत के लिए अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। पार्टी के संविधान के अनुरूप नहीं चाचा पारस का फैसलाचिराग ने कहा कि लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से उनको हटाए जाने का फैसला पार्टी के संविधान के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि संसदीय बोर्ड में बदलाव का फैसला केवल संसदीय बोर्ड या राष्ट्रीय अध्यक्ष ही ले सकते हैं, लेकिन उनके चाचा पशुपति कुमार पारस ने ऐसा नहीं किया। पार्टी और परिवार दोनों को बचाने का किया प्रयास चिराग ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी और परिवार दोनों को बचाने का हरसंभव प्रयास किया। उनकी मां रीना पासवान भी लगातार इस कोशिश में लगी रहीं। उन्होंने लगातार चाचा पारस और अन्य सहयोगियों को आमंत्रित किया कि मिल बैठकर समस्याओं पर बात की जाए और उसका निदान निकाल लिया जाए। जब लगा कि यह अब संभव नहीं है, तब उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और सभी पांच बागी सांसदों को पार्टी से बाहर करने का फैसला…
Cristiano Ronaldo: रोनाल्डो ने ऐसा क्या किया कि इस दिग्गज कंपनी को मिनटों में 29,300 करोड़ का हुआ नुकसान
पुर्तगाल के स्टार स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो (Cristiano Ronaldo) दुनिया के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक हैं। रोनाल्डो फुटबॉल मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह अपने बेबाक व आक्रामक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। हंगरी के खिलाफ पुर्तगाल टीम के यूरो 2020 के मैच से पहले स्टार स्ट्राइकर ने कुछ ऐसा किया जिससे दुनिया की दिग्गज कंपनी कोका कोला (Coca-Cola) कंपनी को 29,300.43 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया। कोका कोला की बोतल देखकर बिफरेयूरो कप की डिफेंडिंग चैंपियन पुर्तगाल टीम के कप्तान क्रिस्टियानो रोनाल्डो (Cristiano Ronaldo) मैच से पहले की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोल्ड ड्रिंक (Cold Drink) देखकर बिफर पड़े। उन्होंने अपने सामने कोका कोला (Coca-Cola) की बोतल देखकर नाराजगी जाहिर की। रोनाल्डो (Ronaldo) ने गुस्से में चिल्लाकर कहा, “कोल्ड ड्रिंक (Coca-Cola) नहीं, हमें पानी पीने की आदत डालनी चाहिए।” वास्तव में 36 साल के रोनाल्डो (Ronaldo) फिट रहने के लिए किसी भी तरह के कोल्ड ड्रिंक (Coca-Cola) और एयरेटेड ड्रिंक से दूर रहते हैं।
जिनेवा में अमेरिका-रूस शिखर सम्मेलन जारी, बाइडन-पुतिन के हाथ तो मिले पर क्या मिला पाएंगे दिल?
जिनेवा.अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच जिनेवा में शिखर सम्मेलन जारी है। मुस्कुराते चेहरों के साथ दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर इस सम्मेलन की शुरुआत की। पूरी दुनिया की नजर दो महाशक्तियों के इस बैठक पर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान दोनों नेता कई विवादित मुद्दों पर समाधान ढूंढने की कोशिश करेंगे। बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद पुतिन से पहली मुलाकातअमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडन की पुतिन के साथ यह पहली मुलाकात है। इससे पहले वह बराक ओबामा के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति रहते हुए पुतिन से मुलाकात कर चुके हैं। 2011 में हुई उस मुलाकात के समय पुतिन रूस के प्रधानमंत्री थे। तब भी वापस आने के बाद बाइडन ने पुतिन की बुराई की थी। चरम तनाव के बीच हो रही है यह बैठकयह बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब दोनों देशों के नेताओं का मानना है कि अमेरिका और रूस के संबंध पहले कभी इतने खराब नहीं रहे। पिछले चार महीनों से दोनों नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी की है। बाइडन ने अमेरिकी हितों पर रूस समर्थित हैकरों के साइबर हमलों को लेकर पुतिन की कई बार आलोचना की है, जबकि पुतिन का कहना है कि उनके देश ने न तो अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप किया और न ही किसी प्रकार के साइबर हमले किए। यह है शिखर सम्मेलन का प्रारूपपहले चरण में बाइडन, पुतिन, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव एक गुप्त बैठक करेंगे। प्रत्येक पक्ष के साथ एक-एक अनुवादक होगा। इसके बाद दोनों पक्षों के पांच-पांच वरिष्ठ सहयोगी बैठक में शामिल होंगे। बाइडन…
सोनू सूद की बढ़ी मुश्किलें, बॉम्बे HC ने कहा- कोरोना संबंधी दवाएं उनके पास कैसे पहुंचीं, जांच हो
सोनू सूद (Sonu Sood) कोरोना महामारी के बीच तमाम लोगों के लिए फरिश्ता साबित हुए। जहां पहली लहर के दौरान उन्होंने प्रवासी मजदूरों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया तो दूसरी लहर में उन्होंने जरूरतमंदों के लिए ऑक्सिजन सिलिंडर, आईसीयू बेड्स, इंजेक्शन जैसी चीजों की व्यवस्था की। अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया है कि वह सोनू सूद और कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी की जांच कर पता लगाए कि कोरोना से संबंधी दवाइयां दोनों के पास कैसे पहुंचीं। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि सिलेब्रिटी अपने आपको मसीहा की तरह पेश कर रहे थे जबकि उन्होंने इस बात की भी पुष्टि नहीं की कि क्या दवाइयां नकली हैं या क्या वह उन तक अवैध तरीके से तो नहीं पहुंचाई जा रही हैं। कोर्ट ने कहा कि इन दोनों द्वारा उपलब्ध कराई गईं दवाइयों के मामले में पूछताछ की जाए। सोनू को अलग-अलग फार्मेसीस से मिलीं दवाइयांबॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस एसपी देशमुख और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की बेंच ने यह आदेश महाराष्ट्र सरकार को दिया है। इससे पहले सरकारी वकील आशुतोष कुंभकोनि ने कोर्ट को बताया कि मजगांव मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने बीडीआर फाउंडेशन नामक ट्रस्ट के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किया है क्योंकि ट्रस्ट ने जीशान सिद्दीकी को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध करवाया। ऐसा तब किया गया जब ट्रस्ट के पास ऐसा करने का लाइसेंस भी नहीं था। वकील ने कहा कि सोनू सूद को ये दवाइयां अलग-अलग फार्मेसीस से भी मिली हैं और मामले की जांच चल रही है। देशभर में कमी थी, सोनू को उपलब्ध हो गईं दवाइयांकोर्ट ने पूछा कि किस तरह कलाकारों और राजनेताओं को कोरोना से संबंधी दवाइयां उपलब्ध हो गईं जबकि देशभर में इनकी…
पैसों से जुड़ी इन 5 बातों को गांठ बांध लें, कभी नहीं करना पड़ेगा वित्तीय संकट का सामना
कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में नौकरी चले जाने, वेतन में कटौती, अस्पताल के बड़े बिल, स्वास्थ्य देखभाल पर बढ़ते खर्च जैसी समस्याओं से हममें से कई लोगों का पाला पड़ा होगा। इस दौर में बहुत से लोगों को नकदी संकट के बीच संघर्ष करना पड़ रहा है। जिन लोगों को हर महीने EMI का भुगतान करना होता है, उनकी स्थिति और भी खराब हो सकती है। ऐसी मुसीबतें हमें बता रही है कि हमें अपनी पैसों से जुड़ी आदतों में बदलाव करना ही होगा, जिससे वित्तीय असुरक्षा से बचा जा सके। आज हम आपको पांच ऐसी बातें बताएंगे, जिनका ध्यान रख आप वित्तीय संकट में पड़ने से बच सकते हैं। न लें ज्यादा उधार वेतन में कटौती और व्यावसायों पर प्रतिबंधों के इस समय में वे लोग अपनी EMI भरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिन्होंने ऐसी संपत्ति खरीदने के लिए Loan लिया, जो कोई आय प्रदान नहीं करती। जिन लोगों ने अपनी भविष्य की आय के बारे में सुनहरी धारणा बनाकर अपनी चुकाने की क्षमता से अधिक उधार लिया है, उन्हें इस महामारी के दौरान विशेष रूप से परेशानी का सामना करना पड़ा है, क्योंकि उनकी आय उनकी अपेक्षा के अनुसार नहीं बढ़ी है, लेकिन उनके खर्च में वृद्धि हुई है। एक्सपर्ट्स कहते है कि लोन आपकी मौजूदा आय, खर्च और सरप्लस के आधार पर लिया जाना चाहिए। एक थंब रूल के अनुसार, ईएमआई की राशि आपकी वर्तमान आय के 50% से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही सिर्फ इसलिए लोन न लें, क्योंकि यह उपलब्ध है। यदि आपकी ईएमआई आपकी आय का बहुत अधिक हिस्सा ले लेती है, तो अन्य महत्वपूर्ण वित्तीय लक्ष्य, जैसे सेवानिवृत्ति या आपके बच्चों की शिक्षा…
Rajdhani Express में घंटों छेड़ाछाड़ का शिकार हुई महिला, न मदद मिली न हुई FIR; त्रस्त हो अब नहीं चाहती कार्रवाई
छेड़छाड़ के मामले में एक महिला ने तीन बदमाशों को सजा दिलाने के लिए कई बार प्रयास किए, लेकिन बार-बार विफल होने के बाद उसने एफआइआर नहीं करने का फैसला किया है। सोमवार सुबह उसने कहा कि वह सिस्टम से त्रस्त हो गई है और अब एफआइआर नहीं करवाना चाहती है। मालूम हो कि ट्रेन में छेड़छाड़ का शिकार होने के बाद महिला ने झांसी से भोपाल तक तीन-तीन बदमाशों से मुकाबला किया। उन्हें सजा दिलाने के लिए पीड़िता ने रेलवे के अधिकारियों से गुहार भी लगाई। इतना ही नहीं आधी रात को ढाई घंटे भोपाल जीआरपी थाने में एफआइआर दर्ज कराने के लिए चक्कर काटे। इतने प्रयासों के बाद भी जब किसी ने उसकी नहीं सुनी तो उसने रेल मंत्री पीयूष गोयल, डीआरएम भोपाल व अन्य को ट्विटर पर शिकायत की। लेकिन अब महिला ने एफआइआर दर्ज कराने से इनकार कर दिया है। उसका कहना है कि वह सिस्टम से त्रस्त हो गई है। यह महिला राजधानी एक्सप्रेस से नई दिल्ली से मुंबई जा रही थी। महिला ने टीटीई समेत कुछ अन्य लोगों पर उसके साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। उसके मुताबिक, ट्रेन रविवार रात 12.40 बजे भोपाल स्टेशन पहुंची थी। महिला ने झांसी के बाद ही उसके साथ छेड़छाड़ करने की शिकायत की थी। सूचना पर जीआरपी के जवान कोच में पहुंचे थे, लेकिन छेड़छाड़ करने वाला टीटीई व अन्य लोग छुप गए। महिला ने ट्रेन रोककर तलाशी की मांग भी की थी, लेकिन ठहराव समय से अधिक समय तक ट्रेन नहीं रोकी गई और तब तक बदमाश नहीं मिले थे।