चकराईए नहीं ,यह दिल्ली नहीं,धनबाद का लाल किला है जनाब. डिगवाडीह के गणेश पूजा पंडाल देख असमंजस में पडे लोग
झरिया : डिगवाडीह स्थित सर्कस मैदान में श्री गणेश महोत्सव सह मेला शुरू हो चुका है. यहां पूजा का यह 35वां वर्ष है. इस बार दिल्ली के लाल किला की तर्ज पर पंडाल का निर्माण किया गया है, जोकि 65 फीट चौड़ा व 75 फीट ऊंचा है.
वहीं, चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की थीम पर गणेश प्रतिमा को स्थापित किया गया है, जो कि जिलेभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. दूर-दूर से लोग इसे देखने पहुंच रहे हैं. साथ ही यहां मेले का भी आयोजन किया गया है.
वहीं, मेले में 10 प्रकार के झूले लगे हैं. इनमें झूला, ब्रेक डांस, नौका, विदेशी झूला, रेंजर झूला, टोरा और मौत का कुआं मुख्य आकर्षण का केंद्र है. खास बात यह है कि मौत के कुआं में महिला कार चलाती दिख रही हैं. मेले में झारखंड के विभिन्न जिले सहित बिहार और पश्चिम बंगल से पहुंचे व्यापारियों द्वारा करीब 200 स्टॉल लगाए गए हैं. जहां घर में उपयोग करने वाले सामान से लेकर, खिलौना, कपड़ा, साज-सज्जा के सामान मिल रहे हैं. वहीं, खान-पान के भी स्टॉल लगे हैं.
हर साल खास होता है पंडाल
पूजा समिति के अध्यक्ष डॉ. एमके ठाकुर ने बताया कि हर साल यूनिक थीम पर पंडाल का निर्माण कराया जाता है. इस बार दिल्ली के लाल किला के तर्ज पर इसे बनवाया गया है, जिसकी लागत 7 लाख रुपये आई है. वहीं, चंद्रयान की सफल लैंडिंग की तर्ज पर प्रतिमा स्थापित की गई है, जोकि लोगों को काफी भा रही है. लोग परिवार व दोस्तों के साथ यहां पहुंच रहे हैं. साथ ही मेले में लोगों के मनोरंजन का भरपूर साधन उपलब्ध हैं.
वर्ष 1989 से हो रही है पूजा
डॉ. एमके ठाकुर ने बताया कि यहां साल 1989 से पूजा होती आ रही है. 35 वर्ष पूर्व इस सर्कस मैदान में सम्राट सर्कस आया था. सर्कस के हाथी की बीमारी से मौत हो गई थी.इसके बाद सर्कस के कर्मियों ने यहीं पर हाथी को जमीन में दफना दियाएनएफ जिसके बाद डिगवाडीह बाजार के व्यवसाई मुकेश अग्रवाल को स्वप्न में गणेश जी आए और कहा कि डिगवाडीह वासियों को हर वर्ष मेरी पूजा करनी होगी. मुकेश ने तस्वीर के साथ पहली बार 1987 में गणेश पूजा प्रारंभ की. इसके बाद देखते देखते स्थानीय लोगों की आस्था बढ़ते गई. 10 वर्षो के बाद यहां पंडाल का निर्माण कर पूजा होने लगा. साथ ही मेले का आयोजन होने लगा.
जम्मूतवी स्टेशन का पुनर्विकास कार्य किये जाने के कारण
ट्रेनों के परिचालन में बदलाव
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